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भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों की पैदल वापसी रोके – रमन

रायपुर 25 अप्रैल।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने भूपेश सरकार से दूसरे राज्यों में काम करने गए मजदूरों के पैदल वापस लौटने से रोकने तथा उनके जीवन यापन की तात्कालिक व्यवस्था के तहत उऩके खातों में एक हजार रूपए डाले जाने की मांग की है।

डा.सिंह ने आज यहां प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि केवल बस्तर संभाग के सातों जिलों के लगभग 50 हजार मजदूर पड़ोसी राज्य तेलंगाना में काम कर रहे है ,जिनमें से बड़ी संख्या में लोगो को वहां के ठेकेदारों ने लाकडाउन के चलते काम से हटा दिया और उन्हे पैसे भी नही दिए।इस कारण बड़ी संख्या में मजदूर बच्चों समेत जंगल के रास्तों से पैदल अपने घरों को लौट रहे है।

उन्होने कहा कि भूखे प्यासे और सौ दो सौ किलोमीटर पैदल चल रहे इन लोगो को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।पैदल लौट रहे मजदूरों में 12 वर्षीय बालिका जमलो मड़कामी ही नही बल्कि सुकमा जिले के भी दो मजदूरों ने दम तोड़ दिया है।दो मजदूर शबरी नदी में बहते बहते बचे है।उन्होने कहा कि लौट रहे मजदूरों के क्वांरटाइन की सभी जगहों पर व्यवस्था नही है,कुछ जगहों पर तो गांव वालों के रोकने के कारण लौट रहे मजदूर पेड़ों के नीचे क्वांरटाइन में पड़े है।

डा.सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को पैदल लौट रहे मजदूरों को उन्ही स्थानों पर रोकने के लिए कारगर पहल करनी चाहिए,जहां पर वह काम के लिए गए है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करनी चाहिए,जोकि सम्बधित राज्यों के मुख्य सचिव एवं कलेक्टरों से बातचीत कर मजदूरों को वहीं पर खाने रहने की सुविधा उपलब्ध करवाए।इसके साथ ही राज्य के सभी प्रवासी मजदूरों के खाते में एक –एक हजार रूपए तत्काल राज्य सरकार को डालना चाहिए।