रायपुर 15 जून।कोरोना संक्रमण के खतरे को रोकने देशव्यापी लाक डाउन के चलते रायपुर विकास प्राधिकरण अंतर्गत कमल विहार प्रोजेक्ट में भू-खण्ड के लिए आवेदन करने तथा कुल कीमत का दस प्रतिशत धरोहर राशि जमा करने वालों के सामने अब नई मुसीबत उत्पन्न हो गई है।
लाक डाउन की वजह से आर्थिक संकट में तो फसे ही है, शेष किश्त जमा करने के लिए आरडीए की तरफ से मिली नोटिस ने भूखण्ड क्रेताओं को तनाव में डाल दिया है। इस बीच कुछ हितग्राहियों ने आरडीए को पत्र लिखकर कार्नर शुल्क माफ करने के साथ ही आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवारों के लिए शुरूआत में जमा कराए धरोहर राशि को वापिस करने की मांग रखी है। हितग्राहियों का कहना है कि जिस तरह से रिजर्व बैंक ने बैंकों से किस्त टालने के लिए कहा है वैसा है आरडीए को भी अभी छह माह तक किस्त जमा करने की प्रक्रिया को स्थगित रखने का विकल्प देना चाहिए।
रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा कमल विहार प्रोजेक्ट के लिए भू-खण्ड का विक्रय किया जा रहा है। इस साल फरवरी में भी आरडीए ने रिक्त भू-खण्डों की बिक्री निविदा के माध्यम से की है। इस दौरान कोविड 19 का किसी को अंदेशा नही था। हितग्राहियों का कहना है कि 19 मार्च से अचानक से छत्तीसगढ़ में लाकडाउन लागू हो गया। लंबे समय तक लाक डाउन रहने से घर के अन्य सदस्य बेरोजगार हो गए हैं। जो सदस्य नौकरी या अन्य कार्य में है उन्हें अब घर या भू-खण्ड का सपना छोड़कर परिवार के अन्य सदस्यों का खर्च उठाना पड़ रहा है। वे न तो बैंक से लोन लेने की स्थिति में है और न ही किस्त चुका पाने की स्थिति में है।