
रायपुर, 09 जुलाई।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पर विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद निर्णय होगा।
श्री उइके से आज यहां राजभवन में संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर,श्रम मंत्री शिवकुमार डहरिया और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने मुलाकात कर राज्यपाल के समक्ष लंबित विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक तथा छत्तीसगढ़ से जुड़े विकास के मुद्दों पर चर्चा की।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा अन्य राज्यों की प्रणाली का अध्ययन किया जाएगा और विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद जो भी निर्णय लिया जाएगा उसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना होगा। किसी भी विश्वविद्यालय का उद्देश्य विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना होता है, उसे पूरा किया जाएगा।
राज्यपाल ने मंत्रियों से कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के लाभांश, उनका बीमा और उनके बच्चों की छात्रवृत्ति की योजना से संबंधित समस्या का त्वरित निराकरण करें।उन्होंने कहा कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र में जो ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत में परिवर्तन किया गया है, उससे जनजातियों के अधिकारों का हनन हो रहा है। इसमें परिवर्तन की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कृषि मंत्री श्री चौबे से कहा कि उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द पूर्ण करें। वन मंत्री श्री अकबर ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों से संबंधित विषयों का जल्द समाधान कर लिया जाएगा। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।
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