बिलासपुर 27 जुलाई।छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों की याचिका को स्वीकारते हुए उन्हें ट्यूशन फीस वसूलने की अनुमति तो दे दी है लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि आर्थिक संकट के कारण जो अभिभावक फीस जमा नहीं कर सकते हैं उनको छूट दी जाय।
न्यायमूर्ति पी.सैम कोसी की एकल पीठ ने 22 निजी स्कूलों के संचालकों के संगठन बिलासपुर प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसियेशन की ओर से राज्य शासन के कोरोना संक्रमण के कारण स्कूलों के बंद रहने की ट्यूशन फीस नहीं लिया जाने साथ ही स्टाफ को वेतन देना सुनिश्चित करने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर आज यह निर्णय सुनाया। पीठ ने मामले की अंतिम सुनवाई 09 जुलाई को कर फैसला सुरक्षित कर लिया था।
पीठ ने अपने 14 पेज के आदेश में स्कूल प्रबंधकों को ट्यूशन फीस लेने की अनुमति तो दी है साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि इस दौरान किसी भी स्टाफ को नौकरी से नहीं निकाला जायेगा, साथ ही उन्हें नियमित रूप से वेतन भी दिया जायेगा। बकाया और वर्तमान ट्यूशन फीस के अलावा कोई दूसरी फीस भी वे नहीं ले सकेंगे। साथ ही फीस में इस दौरान वृद्धि भी नहीं कर सकेंगे।
पीठ ने यह भी कहा कि जो अभिभावक वास्तविक आर्थिक संकट के कारण फीस पटाने में सक्षम नहीं है उन्हें फीस से छूट दी जाय।इसके लिये स्कूल प्रबंधन को मापदंड तय करना चाहिये। अभिभावकों को व्यक्तिगत रूप से स्कूल प्रबंधक के सामने उपस्थित होना पड़ेगा और अपनी आय का विवरण देकर बताना होगा कि वे इस समय फीस देने में सक्षम नहीं हैं।