रायपुर 09 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में वनवासियों की खुशहाली और वनांचल के गांवों को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से इंदिरा वन मितान योजना शुरू किए जाने की घोषणा की हैं।
श्री बघेल ने आज विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत राज्य के आदिवासी अंचल के दस हजार गांव में युवाओं के समूह गठित कर उनके माध्यम से वन आधारित समस्त आर्थिक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।इन समूहों के माध्यम से वनवासियों के स्वरोजगार और उनकी समृद्धि के नए द्वारा खुलेंगे।
उन्होने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों के 10 हजार गांवों में इस योजना के अंतर्गत समूह गठित किए जाएंगे, जिनमें युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रत्येक समूह में 10 से 15 सदस्य होंगे। इंदिरा वन मितान योजना में अनुसूचित क्षेत्रों के 19 लाख परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य है। इस योजना के माध्यम से समूहों को वृक्ष प्रबंधन का अधिकार प्रदान किया जाएगा, जिससे वे वन क्षेत्रों के वृक्षों से वनोपज संग्रहण कर आर्थिक लाभ ले सकें। वनोपज की खरीद की व्यवस्था समूह के माध्यम से की जाएगी, जिससे वनोपज का सही मूल्य मिल सके। समूह के माध्यम से लोगों के लिए स्व-रोजगार के नए अवसर निर्मित होंगे।
श्री बघेल ने कहा कि वनोपजों की मार्केटिंग की व्यवस्था के साथ अनुसूचित क्षेत्रों के प्रत्येक विकासखण्ड में वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी। एक यूनिट की अनुमानित लागत लगभग 10 लाख रूपए होगी। अनुसूचित क्षेत्रों के 85 विकासखण्ड में वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना के लिए 8 करोड़ 50 लाख रूपए की राशि प्राधिकरण मद से उपलब्ध कराई जाएगी। वनों में इमारती लकड़ी की बजाए फलदार और वनौषधियों के पौधे लगाए जाएंगे। जिससे वनवासियों की आय बढ़ सके।