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भूपेश ने स्वतंत्रता दिवस पर कई योजनाओं के शुरू करने का किया ऐलान

रायपुर 15 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस पर आज राम वनगमन पर्यटन परिपथ विकास कोष का गठन करने तथा डॉ.राधाबाई डायग्नोस्टिक सेंटर योजना शुरू करने समेत कई योजनाओं का ऐलान किया।

श्री बघेल ने राजधानी पुलिस परेड ग्राऊण्ड में आयोजित राज्य स्तरीय मुख्य समारोह में  ध्वजारोहण करने के बाद यह ऐलान किया। उन्होने घर पहुंच नागरिक सेवाओं के लिए’मुख्यमंत्री मितान योजना’,विद्युत के पारेषण-वितरण तंत्र की मजबूती के लिए‘‘मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना,‘पढ़ई तुंहर दुआर‘ में समुदाय की सहभागिता से ‘पढ़ई तुंहर पारा‘ योजना शुरू करने,‘महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय खोलने के साथ ही चार नए उद्यानिकी कॉलेज तथा एक खाद्य तकनीकी एवं प्रसंस्करण कॉलेज खोलने का भी ऐलान किया।

उन्होने इस मौके पर दुग्ध उत्पादन और मछली पालन को बढ़ावा देने तीन विशिष्ट पॉलीटेक्निक कॉलेज तथा मरवाही में महंत बिसाहू दास जी के नाम से उद्यानिकी महाविद्यालय खोलने का भी ऐलान किया उन्होने कहा कि माता कौशल्या, भगवान राम और उनसे जुड़े विभिन्न प्रसंगों की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के लिए हमने ‘कोरिया से सुकमा’ तक ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ’ विकास की योजना बनाई है और उसे शीघ्रता से क्रियान्वित भी कर रहे हैं।

श्री बघेल ने कहा कि चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर परिसर को भव्य स्वरूप देने का कार्य शुरू किया गया है। इस पावन कार्य में प्रदेश की जनता को सहभागिता का अवसर देने के लिए ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास कोष’ का गठन किया जाएगा। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में एल.ई.डी. वाहनों के माध्यम से परिपथ का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। हम विश्व प्रसिद्ध बौद्ध आस्था केन्द्र, सिरपुर को विश्व मानचित्र में प्रतिष्ठित कराने के प्रयासों के साथ ही, यहां समुचित अधोसंरचनाओं का विकास कर रहे हैं।

उन्होने कहा कि सुरक्षा बलों का मनोबल और सुविधाएं बढ़ाकर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार लाया है। पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ा गया है। उनके अवकाश, अनुकंपा नियुक्ति, स्वास्थ्य सुविधाओं तथा रिस्पांस भत्ते के रूप में बड़ी राहत दी गई है। राज्य आपदा मोचन बल के जवानों को 50 प्रतिशत जोखिम भत्ता दिया गया है।

श्री बघेल ने कहा कि..मैंने कहा था कि नक्सल मोर्चे पर हमारा पहला प्रयास प्रभावित पक्षों के बीच परस्पर विश्वास और सद्भाव बहाली का होगा। प्रभावित अंचलों में स्थानीय आकांक्षाओं को पूरा करने वाले विकास कार्य संचालित किए जायेंगे। आज मैं यह कह सकता हूं कि नक्सलवादी वारदातों में अंकुश तथा आदिवासी अंचलों में विकास के नए रंग हमारी रणनीति की सफलता का प्रतीक हैं। हमने आजादी की लड़ाई से न्याय की जो यात्रा शुरू की थी, उसे अब जन-जन तक पहुंचा रहे हैं..।