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विधानसभा में 3807 करोड़ रुपए की प्रथम अनुपूरक अनुदान मांगें पारित

रायपुर 27 अगस्त।छत्तीसगढ़ विधानसभा ने चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 की 3807 करोड़ 46 लाख रुपए की प्रथम अनुपूरक मांगों को आज मंजूरी दे दी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इससे पूर्व आज प्रथम अनुपूरक अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हमने विपरीत परिस्थितियों में भी किसानों की अर्थव्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया। यदि हमें कर्ज लेना पड़ेगा तो कर्ज लेंगे, लेकिन किसानों को कोई तकलीफ नहीं होने देंगे।उन्होने मुख्य विपक्षी दल भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आपकी नजर में विकास का पैमाना सड़कें और बिल्डिंग हो सकती हैं लेकिन हमारी नजर में विकास का पैमाना किसान, आदिवासियों और महिलाओं का उत्थान है। हमारी वचनबद्धता किसानों के प्रति है।

उन्होने कहा कि किसानों को धान का 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल मूल्य दिलाने के लिए ही हम राजीव गांधी किसान न्याय योजना लेकर आए। इसमें दो किस्तों का भुगतान किसानों को कर दिया गया है, और शेष किस्तों का भुगतान भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में जब नई सरकार आई तब राज्य सरकार के खजाने में 400 करोड़ रुपए की राशि थी, लेकिन 15 साल बाद जब हमें शासन की जिम्मेदारी मिली, तब राज्य पर 41 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था।

श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का गठन प्रदेश के 2.80 करोड़ लोगों के लिए हुआ है। हम उनके लिए कर्ज ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमने गरीबों, आदिवासियों और जरूरतमंद लोगों को रोजगार देने का काम किया। मनरेगा में 26 लाख लोगों को काम दिया गया। राजीव गांधी किसान योजना का लाभ प्रदेश के 19 लाख किसानों को दिया जा रहा है। लघु वनोपजों के संग्रहण के माध्यम से 12 से 13 लाख वनवासी परिवारों को रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराए गए हैं। यही कारण है कि लॉकडाउन में भी छत्तीसगढ़ में व्यापार और उद्योग के पहिए चलते रहे।