रायपुर, 28 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को अतिवृष्टि एवं बाढ़ की वजह से लोगों की जान की सुरक्षा के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए है।
श्री बघेल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी जिलों में अतिवृष्टि, नदी-नालों के उफान तथा बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अत्यधिक बारिश होने की वजह से कई जिलों में जन-जीवन प्रभावित हुआ है। कोविड-19 संक्रमण के साथ-साथ अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति से निपटना दोहरी चुनौती है। उन्होंने सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों को स्थिति पर लगातार निगरानी रखने तथा बाढ़ से प्रभावित लोगों को तत्परता से राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
उन्होने कहा कि लगातार बारिश की वजह से राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई है। नदी-नाले उफान पर हैं। शहरी इलाकों में भी निचली बस्तियों में भी पानी भर गया है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना एवं उन्हें राहत कैम्पों में ठहराने के साथ ही उनके भोजन-पानी एवं स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में अतिवृष्टि की वजह से राज्य में प्रभावित लोगों को सुरक्षित रखने के लिए 219 राहत कैम्प संचालित किए जा रहे हैं। अतिवृष्टि एवं बाढ़ की वजह से 11 हजार 942 मकान आंशिक एवं पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।बीते 24 घंटे में राज्य के जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, रायगढ़ एवं रायपुर में सर्वाधिक बारिश रिकार्ड की गई है। जांजगीर-चांपा, रायगढ़, राजनांदगांव एवं बलौदाबाजार में कहीं-कहीं बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई है।