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मुक्त,पारदर्शी, समावेशी वैश्विक सुरक्षा संरचना का भारत पक्षधर-राजनाथ

मास्को/नई दिल्ली 04 सितम्बर।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फिर कहा है कि भारत एक ऐसी वैश्विक सुरक्षा संरचना के विकास के लिए वचनबद्ध है जो मुक्‍त, पारदर्शी, समावेशी और नियम-आधारित हो तथा अंतर्राष्‍ट्रीय कानूनों से जुड़ी हुई हो।

श्री सिंह ने आज मॉस्‍को में शंघाई सहयोग संगठन(एससीओ)सोवियत संघ से अलग हुए स्‍वतंत्र राष्‍ट्रों के संगठन(सीआईएस) और संयुक्‍त सुरक्षा संधि संगठन(सीएसटीओ) के सदस्‍य देशों की संयुक्‍त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी शंघाई सहयोग संगठन से जुड़े सदस्‍य देशों के दायरे में आती है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया में एक-दूसरे पर भरोसे और सहयोग, अनाक्रमण, अंतर्राष्‍ट्रीय कायदे-कानून के प्रति सम्‍मान, एक-दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशीलता तथा मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की व्‍यवस्‍था की जानी चाहिए।

उन्होने कहा कि भारत आतंकवाद के सभी रूपों और प्रकारों की एक स्‍वर से निंदा करता है और इसे समर्थन देने वालों की भी भर्त्‍सना करता है। उन्‍होंने आतंकवाद विरोधी क्षेत्रीय ढांचा बनाने के प्रयास करने के लिए शंघाई सहयोग संगठन के कार्यों की प्रशांसा की। उन्‍होंने कहा कि एससीओ परिषद ने आतंकवाद के विरूद्ध जो उपाय किए हैं वे बहुत महत्‍वपूर्ण कदम है और उनसे आतंकवादी दुष्‍प्रचार की रोकथाम में मदद मिली है।

श्री सिंह ने कहा कि अभी हम सबके लिए सुरक्षा और विकास के लक्ष्‍य को पूरी तरह प्राप्‍त करने में सफल नहीं हुए हैं और अफगानिस्‍तान की स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है। उन्‍होंने कहा कि भारत, अफगानिस्‍तान में अफगान लोगों के नेतृत्‍व में और उन्‍हीं के द्वारा नियंत्रित शांति प्रक्रिया को समर्थन देना जारी रखेगा। श्री सिंह ने कहा कि भारत, फारस की खाड़ी की स्थिति को लेकर भी बहुत चिंतित है।

रक्षा मंत्री ने कोविड-19 महामारी की वजह से अपने परिजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति संवेदना व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने दुनिया के देशों को आपदाओं से निपटने के लिए एकजुट हो जाने की आवश्‍यकता पर जोर दिया।