नई दिल्ली 03 अक्टूबर।केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि कोविड महामारी में ऋण की ई.एम.आई. पर छह महीने की छूट के दौरान दो करोड़ रुपये तक ऋण के ब्याज पर ब्याज (चक्रवृद्धि ब्याज) नहीं लिया जाएगा।
सरकार ने कोविड महामारी के दौरान छोटे उद्योगों को और व्यक्तिगत ऋण लेने वाले लोगों को किस्त चुकाने में छह महीने की स्वैच्छिक छूट देने का प्रावधान किया था।
सरकार को चक्रवृद्धि ब्याज नही लेने का प्रावधान करने के लिए संसद से अनुमति लेनी होगी और इससे छोटे उद्योगों को तीन दशमलव सात लाख करोड़ रुपये की मदद मिलेगी। इसके अलावा गरीब कल्याण और आत्मनिर्भर पैकेज के जरिए सरकार आवास ऋण लेने वाले लोगों को 70 हजार करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है।
वित्त मंत्रालय ने एक हलफनामे में कहा है कि सरकार ने छह महीने की स्वैच्छिक छूट की अवधि में छोटे ऋण लेने वाले लोगों पर चक्रवृद्धि ब्याज माफ करने का फैसला किया है। छोटे ऋण लेने वालों को आठ श्रेणियों में बांटा गया है, इनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, शिक्षा, आवास, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु, क्रेडिट कार्ड भुगतान, वाहन, वैयक्तिक और उपभोग ऋण शामिल हैं।
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