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भाषा विवाद के बीच सीएम रेखा गुप्ता का बड़ा एलान

सरकार दिल्ली को देश की सांस्कृतिक राजधानी बनाने जा रही है। जहां बच्चों के लिए गैर हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू होगी। स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम की भी योजना है।

भाजपा सरकार ने दिल्ली को देश की सांस्कृतिक राजधानी बनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न राज्यों की कला, संस्कृति व भाषा को दिल्ली की गलियों तक पहुंचाया जाए। छठ पूजा, दुर्गा पूजा, गणेशोत्सव, लोहड़ी आदि पर्वों को भव्य बनाने के लिए दूसरे राज्यों के कलाकारों को बुलाया जाए। सीएम ने कहा कि इससे लोगों का इन आयोजनों से जुड़ाव बढ़ेगा। इसके अलावा बच्चों को अन्य भाषाएं सिखाने और स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करने की योजना भी शुरू की जाएगी।

रविवार को मुख्यमंत्री ने कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने विभाग के काम पर संतोष जताते हुए कहा कि अब इसे आम लोगों तक ले जाने की जरूरत है। इसके लिए महिलाओं कला प्रदर्शनी, दिल्ली नृत्य-संगीत महोत्सव, भक्ति संगीत उत्सव, हास्य रंग उत्सव और पेंटिंग प्रतियोगिताएं आदि कार्यक्रम दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में आयोजित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि पेंटिंग प्रतियोगिताओं से मिली तस्वीरों को सचिवालय और सरकारी दफ्तरों में लगाया जाए।

75 कम प्रसिद्ध स्मारकों से लोगों को जोडेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में अलग-अलग राज्यों के लोग रहते हैं जिससे यहां की सांस्कृतिक विविधता और बढ़ी है। दिल्ली सिर्फ राजधानी नहीं बल्कि देश की सांस्कृतिक पहचान भी है। ऐसे में क्षेत्रीय कलाकारों को बुलाकर पर्व-त्योहारों को और रंगीन बनाया जाएगा। साथ ही, मालचा महल, भूली मटियारी का महल, गालिब हवेली जैसे 75 कम प्रसिद्ध स्मारकों तक लोगों को लाने के लिए विशेष आयोजन होंगे। इन स्मारकों के आसपास गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी ताकि लोग इन्हें देखने और समझने में ज्यादा वक्त बिताएं।

स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम जल्द शुरू होगा
बैठक में मुख्यमंत्री ने राजधानी के बच्चों को दूसरे राज्यों की भाषाएं सिखाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे बच्चे अन्य राज्यों की संस्कृति और सामाजिक ताने-बाने को बेहतर समझ सकेंगे। स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के जरिये बच्चों को दूसरे राज्यों की संस्कृति से रू-ब-रू होने का मौका मिलेगा जिससे आपसी समझ और भाईचारा बढ़ेगा। यह पहल दिल्ली को सांस्कृतिक रूप से और समृद्ध बनाएगी।