नई दिल्ली/रायपुर 21 दिसम्बर।कांग्रेस के कद्दावर नेता मोतीलाल वोरा का आज उपचार के दौरान निधन हो गया।वह 92 वर्ष के थे।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग नगर निगम के पार्षद का चुनाव जीतने के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने वाले कांग्रेस के दिवंगत वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा जमीन से जुड़े नेता थे।वह दो बार अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,उत्तरप्रदेश के राज्यपाल एवं कई बार केन्द्रीय मंत्री रहे।
श्री वोरा का जन्म 20 दिसम्बर 1928 को राजस्थान के नागौर में हुआ था।उनका परिवार छत्तीसगढ़ के दुर्ग में रहता था।पहली बार 1968 में उऩ्होने दुर्ग नगर निगम के पार्षद का चुनाव लड़ा और सफलता अर्जित कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की।इससे पहले उऩ्होने कुछ समय पत्रकारिता भी की।श्री वोरा शुरू में समाजवादी नेता थे,बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए।पहली बार वह 1972 में मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए।
श्री वोरा इसके बाद लगातार 1977 एवं 1980 में विधायक चुने गए।पहली बार अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में वह कैबिनेट मंत्री बने।श्री अर्जुन सिंह को 1985 में पंजाब का अचानक राज्यपाल बनाए जाने के बाद वह 13 मार्च 1985 के पहली बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने।इस पद पर वह 13 फरवरी 1988 तक रहे।इसके अगले दिन ही वह राजीव गांधी मंत्रिमंडल में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं उड्डयन मंत्री बन गए।
दूसरी बार श्री वोरा 1989 में फिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने और लगभग एक वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे।श्री वोरा 1993 से 1996 तक उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रहे।वह संसद के दोनो सदनों लोकसभा एवं राज्यसभा के कई बार सदस्य रहे।वह मध्यप्रदेश प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे,और कई वर्षों तक लगातार कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहे।इसके बाद वह कांग्रेस महासचिव बनाए गए,जिससे कुछ दिन पूर्व ही उन्हे स्वास्थ्य को देखते हुए मुक्त किया गया।
गांधी परिवार के काफी विश्वसनीय रहे श्री वोरा के परिवार में दो पुत्र एवं चार पुत्रियां है।उनके बड़े पुत्र अरूण वोरा राजनीति में सक्रिय है।इस समय वह लगातार दूसरी बार दुर्ग सीट से छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य है।वह अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रह चुके है।श्री वोरा छत्तीसगढ़ वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के अध्यक्ष भी है।