संगमनेर/रायपुर 13 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कहा कि देश के किसान-मजदूर मजबूत होंगे तो देश मजबूत होगा, यदि वे कमजोर होंगे तो देश भी कमजोर होगा।
श्री बघेल ने स्वतंत्रता सेनानी और सहकारिता आंदोलन के प्रणेता स्व. भाऊ साहेब थोर्रात तथा हरित-क्रांति में अपने योगदान के लिए याद किए जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. अन्ना साहेब शिंदे की जंयती पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना के बावजूद छत्तीसगढ़ में व्यापार-उद्योग में कमी नहीं आई। सितंबर-अक्टूबर माह में 24 प्रतिशत और नवंबर में 26 प्रतिशत जीएसटी कलेक्शन के साथ छत्तीसगढ़ देश में अव्वल रहा।
उन्होने कहा कि पूरी दुनिया की कोई सरकार नहीं है, जो गोबर खरीदती है, लेकिन हम दो रुपए किलो में गोबर खरीद रहे हैं। अब लोग गोबर बेचकर मोटरसाइकिलों खरीद रहे हैं, हवाई यात्राएं कर रहे हैं। जिनके पास भूमि अथवा पशु नहीं हैं, वे भी केवल गोबर इकट्ठा कर आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि फसलों की चराई, खुले में घूमने वाले पशुओं की वजह से होने वाले एक्सीडेंट, और गोबर की वजह से फैलने वाली अस्वच्छता का हमें एक ही हल नजर आया कि गोबर की खरीदी की जाए। गोबर प्राप्त करने के लिए मवेशियों को लोग चारा खिलाएंगे।
उन्होंने कहा कि खरीदे गए गोबर से छत्तीसगढ़ में वर्मी कंपोस्ट बनाया जा रहा है, यह वर्मी कंपोस्ट भी 10 रुपए किलो में खरीदा जाता है। इस काम में लगे स्व सहायता समूहों की महिलाओं को इससे रोजगार मिल रहा है और अच्छी आमदनी हो रही है।श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपने इस कदम से अब जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है। इससे उत्पादन लागत भी कम होगी और रसायनिक खादों की वजह से फसलों में होने वाली विषाक्तता भी कम होगी।