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छत्तीसगढ़ में विद्यमान है परस्पर समन्वय और भाईचारे की भावना-भूपेश

रायपुर 15 फरवरी।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति में परस्पर समन्वय, सद्भाव और भाईचारे की भावना विद्यमान रही है। यहां का समाज शांति और अहिंसा का पक्षधर रहा है।

श्री बघेल आज यहां जैनम मानस भवन में आयोजित आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने महोत्सव में अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्य श्री महाश्रमण जी के दर्शन कर उनसे प्रदेश में शांति, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद ग्रहण किया।

श्री बघेल ने इस अवसर पर आचार्य श्री महाश्रमण जी सहित अहिंसा यात्रा में उनके साथ आए साधु और साध्वियों का छत्तीसगढ़ की जनता की ओर स्वागत करते हुए कहा कि आचार्य जी अपनी इस यात्रा के दौरान सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति का संदेश दे रहे हैं। आचार्य जी ने नेपाल, भूटान और भारत के 19 राज्यों की यात्रा करते हुए छत्तीसगढ़ की धरती पर कदम रखा है। आचार्य जी ने अपने जीवन में 50 हजार किलोमीटर की पद यात्रा पूरी की है।

उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ को सदैव आचार्य महाश्रमण जी जैसे महात्माओं ने संस्कारित किया है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति में परस्पर समन्वय, सद्भाव और भाईचारे की भावना विद्यमान रही है। यहां का समाज शांति और अहिंसा का पक्षधर रहा है। आपके संदेश हमें सचेत करते रहेंगे कि बदलते हुए परिवेश में हमें अपने सदगुणों को और भी अधिक मजबूती के साथ धारण करना होगा।