नई दिल्ली 19 फरवरी।सेना के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा डिजाइन और विकसित की गई हेलीना और वायुसेना के लिए ध्रुवास्त्र मिसाइल प्रणाली का संयुक्त परीक्षण किया गया है।
यह परीक्षण रेगिस्तानी पर्वतमाला में अत्याधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर से किया गया। न्यूनतम और अधिकतम रेंज में मिसाइल क्षमताओं के आंकलन के लिए पांच अभियानों को अंजाम दिया गया। कुछ अभियान युद्धक टैंकों और कुछ फ़्लाइंग हेलिकॉप्टर को निशाना साधते हुए किए गए।
हेलीना तीसरी पीढ़ी की मिसाइल प्रणाली है। इसमें सभी प्रकार के मौसम में दिन और रात में निशाना साधने की क्षमता है। यह पारंपरिक कवच से लैस युद्धक टैंको और विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच को ध्वस्त करने में सक्षम है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित, यह विश्व में सबसे उन्नत टैंक रोधी हथियारों में से है। यह मिसाइल प्रणाली अब सेना और वायु सेना में शामिल करने के लिए तैयार है।
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