रायपुर, 05 मार्च।छत्तीसगढ़ के कृषि, जल संसाधन, पशुपालन, मछली पालन एवं संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि राज्य में किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए लाख की खेती और मछली पालन को कृषि का दर्जा देने का बजट में प्रावधान किया गया है।इसके साथ ही कृषि बजट में गतवर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
श्री चौबे विधानसभा में विभागीय अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।उनके जवाब के बाद सदन ने आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 7785 करोड़ 76 लाख रूपए की प्रस्तुत अनुदान मांगों को ध्वनि मत से मंजूरी दे दी।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले दो साल में खेती किसानी के लिए खाद, बीज, कृषि ऋण, खेती का रकबा और उत्पादन में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी कृषि क्षेत्र में भी विकास की गति को जारी रखते हुए कोविड चुनौती को अवसर में बदला गया। कोरोना काल में किसानों के खाते में 23 हजार 555 करोड़ रूपए किसानों के खाते में हस्तांतरित किया गया है।
उन्होने कहा कि प्रदेश के किसानों की सुविधा के लिए सभी प्राथमिक समितियों में चबूतरों में शेड बनाया जाएगा, इसके साथ ही किसान कुटीर भी बनाए जाएंगे। जहां किसानों के लिए बैठने, पेयजल आदि की व्यवस्था होगी।
श्री चौबे ने कहा कि किसानों, ग्रामीणों, पशुपालकों और महिला स्व सहायता समूहों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश के सभी गौठानों को मल्टीयूटिलिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा।उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न कृषि उत्पादों को प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर एक ही छत के नीचे बेचने के लिए सी मार्ट योजना का भी बजट में प्रावधान किया गया है।उन्होने यह भी कहा कि सिंचाई सुविधाओं में विस्तार के लिए नदियों के किनारे जहां जल स्त्रोत उपलब्ध है वहां मेगा लिफ्ट ऐरिगेशन सिस्टम तैयार किया जाएगा।
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