नई दिल्ली 26 मई।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत अब कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में है।
श्री मोदी ने आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वर्चुअल वेसाख वैश्विक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र ने पिछले महीनों में इस महामारी से निपटने में बेहतर समझ और कार्य नीति विकसित की है।उन्होने महामारी के दौरान अपने प्रियजनों को गंवाने वाले परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मानव जीवन पर आए इस अभूतपूर्व संकट ने सभी देशों को प्रभावित किया है। श्री मोदी ने कहा कि इस महामारी से पैदा हुआ आर्थिंक संकट बहुत बडा है और कोविड-19 के बाद धरती पहले जैसी नहीं रहेगी।
उन्होने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष करते हुए मानवता के समक्ष उत्पन्न जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और उग्रवाद जैसी अन्य चुनौतियों को भी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने घोषणा की कि भारत उन गिनी चुनी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जो पेरिस जलवायु समझौते का लक्ष्य हासिल करने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए सतत जीवन के मामले में कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।
श्री मोदी ने कहा कि गौतम बुद्ध का जीवन शांति, सदभाव और सह-अस्तित्व के सिद्धान्तों का मूर्त रूप था। लेकिन आज ऐसी ताकतें मौजूद हैं जिनका अस्तित्व घृणा, आतंक और हिंसा फैलाने पर निर्भर है।उन्होंने कहा कि मानवता में विश्वास रखने वाले सभी लोगों को एकजुट होकर आतंकवाद और उग्रवाद का सामना करना चाहिए।इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संघ के सहयोग से किया था। इसमें विश्वभर के बौद्ध संघों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया।
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