रायपुर 28 मई।भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने राज्य में कथित बेरोजगारी दर में कमी आने के प्रचार पर तंज कसते हुए कहा हैं कि भूपेश सरकार के ढाई वर्ष के शासनकाल राज्य का उच्च सिक्षित युवा मनरेगा में मजदूरी का कार्य करने को विवश हो गया है।
डा.सिंह ने ट्वीट कर एवं बयान जारी कर कहा कि मनरेगा में मजदूरी करने को बाध्य युवाओं को रोजगार दिया मान कर भऊपेश सरकार आत्ममुगधता का शिकार हो सकती है,लेकिन सत्य यह है कि आज का युवा छत्तीसगढ़ में गोबर बीनने और शराब के दुकानों में शराब बेचने को विवश है। यह नौकरी नही युवाओं की मजबूरी है।
उन्होने कहा कि राज्य के हजारों युवा सब इंस्पेक्टर, सूबेदार, और प्लाटून कमांडर भर्ती के विज्ञापन भरने के बाद भी दो वर्षो से उस परीक्षा के आयोजन की बाट जोह रहे है, इसी तरह शिक्षक भर्ती परीक्षा के उत्तीर्ण छात्र अपनी नियुक्ति की इंतजार कर रहे है,यदि इसे ही यह सरकार अपनी उपलब्धि मानती है, तो सरकार की नीयत और नीति पर अफसोस ही किया जा सकता है।
डॉ सिंह ने कहा कि यह सरकार सुबह योजना तो बनाती है किंतु अगले दिन की संध्या के समापन होने के पूर्व ही दम तोड़ते नजर आने लगती है, गोठान में जानवर नही है, ज्यादातर गौठानों में ताला लगा हुआ है। महिलाएं अपने पारिश्रमिक के इंतजार में बैठी है, किन्तु वेतन देने के लिए इस सरकार के पास पैसे नही है।उन्होने कहा कि यह सरकार प्रचार की भूखी है, प्रयास करने में विश्वास नही है, यदि प्रयास करने की कोशिश करती तो छत्तीसगढ़ के युवा ना तो मनरेगा में कार्य करने को बाध्य होते और ना ही शराब दुकानों की नौकरी करते।