रायपुर, 14 जून।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि मरीजों को जीवन दान देने में डॉक्टरों के साथ ही रक्तदाताओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रक्तदान करने के इस पुनीत कार्य में सहभागी बनने के लिए लोगों को स्वयं आगे आना चाहिए।
सुश्री अनुसुईया उइके ने आज पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के पैथॉलॉजी विभाग द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर ‘‘ब्लड डोनर मोटिवेशन’’ विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि रक्त जीवन का आधार है। शरीर का पूरा तंत्र इसी पर आधारित रहता है। रक्त की एक-एक बूंद अमूल्य होती है। सबसे बड़ी बात है कि तमाम वैज्ञानिक अनुसंधानों और खोज के बाद भी ना तो इसका विकल्प खोजा जा सका है।
उऩ्होने कहा कि लोगों में यह भ्रांति व्याप्त है कि ‘‘रक्तदान से कमजोरी आती है’’। इस भ्रांति को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। रक्तदान करने से नये रक्त की कणिकाएं बनती हैं, जिनकी ऑक्सीजन वाहक क्षमता ज्यादा होती है, जिससे हमारी शारीरिक श्रमशक्ति बढ़ती है।रक्तदान के बाद शरीर में किसी भी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती बल्कि रक्तदान करने वाले लोगों में हृदयरोग की संभावना काफी कम होती है। लोगों को चाहिए कि अपने महत्वपूर्ण दिनों को यादगार बनाने के लिए उस दिन रक्तदान अवश्य करें।
राज्यपाल ने कहा कि यदि जनसामान्य स्वेच्छापूर्वक रक्तदान करेंगे तो देश में कभी खून की कमी नहीं रहेगी तथा कई लोगों के जीवन की रक्षा की जा सकेगी। रक्तदान को प्रोत्साहन देने के लिए सामाजिक संस्थाओं और शैक्षणिक संस्थाओं को भी आगे आना होगा और रक्तदान के प्रति जनसामान्य में जागरूकता लानी होगी।
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