रायपुर 27 जुलाई।छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज कांग्रेस विधायक वृहस्पति सिंह के हत्या करवाने की साजिश के लगाए आरोपो से व्यथित स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिहदेव सदन की कार्यवाही को यह कहते हुए छोड़कर चले गए कि जब तक उनके संदर्भ में लगे आरोपों पर सरकार का स्पष्ट जवाब नही आता,वह अपने आपको सदन में बैठने योग्य नही समझते।
विधानसभा अध्यक्ष डा.चरणदास महंत के कल दिए निर्देश के मुताबिक आम्बिकापुर में हुई घटना के सम्बन्ध में दर्ज प्राथमिकी के बारे में गृह मंत्री ने सदन में आज शून्यकाल में व्यक्तव्य दिया।इस बयान का नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक,भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल,अजय चन्द्राकर,शिवरतन शर्मा तथा जनता कांग्रेस के धर्मजीत सिंह ने यह कहते हुए विरोध किया कि मंत्री का व्यक्तव्य विधायक द्वारा मंत्री पर हत्या करवाने की साजिश के लगाए आरोपो के सम्बन्ध में नही है,जिस पर कल सदन में चर्चा हुई थी।
विपक्षी सदस्यों ने कहा कि विधायक ने अम्बिकापुर से रायपुर आकर प्रेस कांफ्रेन्स कर मंत्री पर हत्या करवाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था,इस दौरान वहां 22 विधायक भी थे और संगठन के कुछ लोग भी इसके आयोजन करवाने में जुटे थे।उस बारे में गृह मंत्री ने अपने बयान में कुछ नही कहा।सदन को उन्होने मजाक बना दिया है।
विधानसभा अध्यक्ष डा.महंत ने कहा कि मैंने 24 को टीवी पर प्रेस कांफ्रेन्स देखी तो विधायक के दोनो नम्बरों पर फोन किया,कोई जवाब नही मिला,अगले दिन भी कोई उनके पास नही आया,इसके बाद 26 जुलाई से सदन में हूं कोई यहां भी मेरे पास कोई नही आया। सदन में कल यह मामला उठा उस पर मेरे निर्देश पर गृह मंत्री ने आज व्यक्तव्य दे दिया।
इसी बीच अचानक श्री सिंहदेव खड़े हुए औऱ भावुक होकर कहा कि..अब बहुत हो गया,मैं भी एक इंसान हूं,मेरे चरित्र के बारे में सब जानते है।शायद कुछ छिपा हुआ है जिसे अब सामने लाने की कोशिश की जा रही हैं,मैं नही समझता हूं कि मेरी स्थिति ऐसी है कि जब तक शासन की ओर से इस पर स्पष्ट जवाब ना आ जाए मैं इस पवित्र सदन में रहना उचित नही समझता..।उन्होने कहा कि अध्यक्ष जी अनुमति से वह सदन छोड़कर जा रहे है।श्री सिंहदेव इसके बाद सीधे बाहर निकले और अपने वाहन से रवाना हो गए।
श्री सिंहदेव के इस बयान के बाद विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहला मौका है जबकि सत्तापक्ष के ही विधायक ने मंत्री पर हत्या की साजिश करने का सदन के बाहर आरोप लगाया,और इस मसले पर सरकार से स्पष्ट जवाब की मांग सदन के भीतर मंत्री ने अपनी ही सरकार से की,और जवाब आने तक सदन की कार्यवाही में भाग नही लेने का ऐलान किया है।