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मानसून सत्र के सातवें दिन भी दोनो सदनों की कार्यवाही हुई बाधित

नई दिल्ली 27 जुलाई।संसद के मानसून सत्र के 7वें दिन भी आज पेगासस जासूसी मामले, कृषि कानूनों और अन्‍य मुद्दों को लेकर संसद के दोनों सदनों में व्‍यवधान जारी रहा।

विपक्षी दलों के भारी शोर-शराबे के बीच लोकसभा और राज्‍यसभा में कुछ विधेयक पारित होने और कोविड पर चर्चा होने के अलावा कोई विशेष कामकाज नहीं हो सका। लोकसभा की कार्यवाही नौ बार तथा राज्‍यसभा की कार्यवाही चार बार बाधित होने के बाद कल तक के लिए स्‍थगित कर दी गई।

लोकसभा की बैठक नौ बार स्‍थगित होने के बाद साढे चार बजे फिर शुरू होते ही कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस और अन्‍य विपक्षी दलों के सदस्‍य पेगासस जासूसी मामले, कृषि कानूनों और अन्‍य मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए अध्‍यक्ष के आसन के समीप पहुंच गये। पीठासीन अधिकारी ने सदस्‍यों से शांत रहने और अपने स्‍थान पर बैठने का अनुरोध किया लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ जिस पर उन्‍होंने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्‍थगित कर दी।

इससे पहले संसदीय कार्य राज्‍यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने विरोध कर रहे सदस्‍यों से अनुरोध किया कि वे सदन का कामकाज शांतिपूर्वक चलने दें और अपने मुद्दों को तरीके से उठाएं।सुबह लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही अध्‍यक्ष ओम बिडला ने प्रश्‍नकाल चलाने का प्रयास किया। उन्‍होंने विरोध कर रहे सदस्‍यों से अनुरोध किया कि वे सदन का कामकाज सही तरीके से चलने दें।

राज्‍यसभा में चार बार स्‍थगित होने के बाद शाम चार बजे सदन की कार्यवाही जैसे ही दोबारा शुरू हुई तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, वाम दल और अन्‍य विपक्षी पार्टियों के सदस्‍य नारेबाजी करते हुए अध्‍यक्ष के आसन के पास पहुंच गए। समाजवादी पार्टी, राष्‍ट्रीय जनता दल और राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा कुछ अन्‍य दलों के सदस्‍य भी विरोध करते नज़र आए। भारी शोर-शराबे के बीच अल्‍पचर्चा के बाद नौवहन सामुद्रिक सहायता विधेयक 2021 पारित कर दिया गया। केन्‍द्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने विपक्षी सदस्‍यों द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ इस्‍तेमाल की गई भाषा पर आपत्‍त‍ि व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने कहा कि विरोध कर रहे सदस्‍य कोविड नियमों का भी उल्‍लंघन कर रहे हैं। शोर-शराबे के बीच उपसभापति हरिवंश ने प्रश्‍नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन सदस्‍य शांत नहीं हुए और प्रश्‍नकाल नहीं चल सका।

सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्‍य विपक्षी दलों के सदस्‍यों ने पेगासस जासूसी मामले, कृषि कानूनों और अन्‍य मुद्दों पर दिए गए कार्य स्‍थगन प्रस्‍ताव पर सभापति का ध्‍यान आकर्षित करने की कोशिश की। बाद में ये सभी नारेबाजी करते हुए अध्‍यक्ष के आसन के समीप पहुंच गये।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन की कार्यवाही इस तरह बाधित करना संसद और देश दोनों के हित में नहीं है। उन्‍होंने कहा कि वे दवाब में आकर कुछ नहीं करेंगे। उन्‍होंने विरोध कर रहे सदस्‍यों से अपने आचरण पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया।