नई दिल्ली 03 अगस्त।पेगासस जासूसी मामले, कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष के भारी हंगामें के कारण ससंद के दोनों सदनों का काम-काज आज भी कई बार बाधित हुआ। इसके साथ ही राज्यसभा और लोकसभा दोनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
तीन बार स्थगित होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही शाम चार बजे दोबारा जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल के सदस्य पेगासस जासूसी मामले और कृषि कानून पर चर्चा कराने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने हाथों में तख्तियां और धान की बालियां ले रखी थीं। इस शोर-शराबे के बीच ही सदन में अधिकरण सुधार विधेयक 2021 बिना चर्चा के पारित हो गया। भोजनावकाश के बाद सदन की बैठक शुरू होने पर आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 भी बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया गया। इस दौरान विपक्षी सदस्य शोर-शराबा करते रहे, जिसे देखते हुए सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले पीठासीन अधिकारी ने विरोध जता रहे सदस्यों से अपनी सीट पर वापस जाने और शून्यकाल चलने देने का आग्रह किया, लेकिन सदस्यों ने उनकी बात नहीं मानी। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, अकाली दल और अन्य विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गये। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने सदस्यों से शांत रहने की अपील की और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन उनका यह प्रयास सफल नहीं हुआ।
राज्य सभा की कार्यवाही भी दो बार स्थगित होने के बाद दोपहर दो बजे फिर शुरु होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, डीएमके और अन्य विपक्षी दल के सदस्य नारे लगाते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गए। शोर शराबे के बीच ही अल्प चर्चा के बाद सदन में ऋण शोधन और दिवाला संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित कर दिया गया। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंक झोंक हुई।
इससे पहले उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। सुबह सदन की बैठक शुरु होने पर कांग्रेस, तृणमूल, वामदल, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और अन्य विपक्षी सदस्यों की ओर से पेगासस जासूसी मामले, कृषि कानून और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव को सभापति एम वेंकैया नायडू ने अस्वीकार कर दिया। इस पर विपक्षी सदस्य नारे लगाते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गए। डीएमके, आरजेडी, एनसीपी, शिवसेना, बीएसपी और अन्य विपक्षी दल के सदस्य खड़े होकर हंगामा करने लगे।
केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हंगामे के बीच विधेयक पारित कराए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ-ब्रायन की ओर से किए गए एक ट्वीट पर उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह संसद का अपमान है। श्री ब्रायन को इसके लिए माफी मांगनी चाहिये। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने भी श्री नकवी की बात का समर्थन किया। इस बीच विपक्षी सदस्य लगातार हंगामा करते रहे। जिस पर अध्यक्ष ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सदन में जो कुछ हो रहा है उसे सब लोग देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सदस्य अध्यक्ष पर किसी तरह का दबाव नहीं डाल सकते।