रायपुर 05 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि खेती-किसानी को मजबूत बनाकर और हर हाथ को काम देकर गांव के पुराने गौरव को फिर से स्थापित करना राज्य सरकार का लक्ष्य है।
श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय से छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना जैसे कदम उठाए गए हैं।उन्होने इस अवसर पर शहीद महेन्द्र कर्मा की जयंती पर उन्हें याद करते हुए नमन किया।
उन्होने परिषद के नवनियुक्त सभी पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उन्हें राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी हर किसान तक पहुंचाने, गौठानों को और अधिक सक्रिय करने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि परिषद के पदाधिकारी हरेली का त्यौहार गौठानों में जाकर मनाए। इसके अलावा जब भी वे गांव के दौरे पर जाएं तो गौठानों में बैठक कर वहां की गतिविधियों की समीक्षा भी करें तथा इस संबंध में सुझाव से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि गौठानों में अलग-अलग गतिविधियों से जोड़े और यह भी देखे गौठानों में नेपियर घास लगाई गई है कि नहीं और मवेशियों के लिए चारे-पानी की व्यवस्था है कि नहीं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यस्था मजबूत बनाने हर संभव प्रयास कर रही है। सुराजी गांव योजना में रूरल इंड्रस्ट्रीयल पार्क के जरिए ग्रामीणों और युवाओं को उत्पादक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। खेती किसानी को मजबूत बनाने के लिए किसानों की ऋण माफी और उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने की पहल की गई है। वनवासियों को तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए प्रति मानक बोरा 4000 रूपए मिल रही है। इससे गांव के लोगो की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
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