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अफगानिस्तान की धरती का उपयोग नहीं होना चाहिए आतंकवाद फैलाने के लिए- मोदी

न्‍यूयॉर्क 25 सितम्बर।प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि आंतकवाद को राजनीतिक साधन के रूप में इस्‍तेमाल कर रहे देशों को यह समझना होगा कि आतंकवाद खुद उनके लिए भी खतरा बन सकता है।उन्होने यह भी कहा कि अफगानिस्‍तान की धरती का उपयोग आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए।

श्री मोदी ने आज संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 76वें सत्र में कहा कि ये सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्‍तान की धरती का इस्‍तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए न हो।हमें इस बात के लिए भी सर्तक रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थितियों का कोई देश अपने स्‍वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्‍तेमाल करने की कोशिश न करें। इस समय अफगानिस्‍तान की जनता को, वहां की महिलाओं और बच्‍चों को, वहां की मैनोर्टीस को मदद की जरूरत है और इसमें हमने अपना दायित्‍व निभाना ही होगा।

उन्होने विश्‍व में आक्रामक सोच और बढते कट्टरवाद के खतरे पर चिंता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने कहा कि समुद्र अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार की जीवन रेखा है और सबकी साझी विरासत है। श्री मोदी ने चाणक्‍य का उल्‍लेख करते हुए संयुक्‍त राष्‍ट्र को सही समय पर सही निर्णय लेने की नसीहत दी।उन्होने कहा कि कोविड महामारी, आतंकवाद, जलवायु परितर्वन और अफगानिस्‍तान की हाल की स्थिति ने इस बात की आवश्‍यकता स्‍पष्‍ट कर दी है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र को और भी अधिक जिम्‍मेदारी से अपनी भूमिका निभानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ वर्ष से विश्‍व खतरनाक महामारी का सामना कर रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत आज सबके विकास को प्राथमिकता दे रहा है।उनकी सरकार ने हाल के वर्षों में इतने महत्‍वपूर्ण कार्य किए हैं, जिनके बारे में पहले कोई सोच भी नहीं सकता था। श्री मोदी ने इस संबंध में 17 करोड से अधिक लोगों तक नल के जरिए पीने का पानी पहुंचाने का जिक्र किया। श्री मोदी ने कहा कि भारत के विकास से विश्‍व को भी गति मिलती है और भारत में सुधारों से दुनियाभर में सुधारों को बल मिलता है।