रायपुर 26 सितम्बर।केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने छत्तीसगढ़ के बलरामपुर ज़िले में वाड्रफनगर ब्लॉक स्थित बैकुंठपुर गाँव में वन विभाग के अधिकारियों द्वारा राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र एवं विशेष संरक्षित पण्डो जनजाति के 22 लोगों के मकान को ध्वस्त किए जाने की घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है।
श्रीमती सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यह घटना प्रदेश सरकार के उन तमाम दावों पर क़रारा तमाचा है, जिनकी दुहाई दे-देकर प्रदेश सरकार आदिवासियों की हितरक्षक होने और छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने का ज़ुबानी जमाख़र्च करती फिरती है।उन्होने कहा कि प्रदेश में जबसे कांग्रेस ने सत्ता संभाली है, अमनपसंद ग़रीब आदिवासियों को जीना तो दुभर हुआ ही है, प्रदेश सरकार के दबाव में अधिकारी-कर्मचारी भोले-भाले आदिवासियों तक को नहीं बख़्श रहे हैं।
उऩ्होने कहा कि अशिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव और आर्थिक बदहाली से जूझते पंडो जनजाति के 23 लोगों की मौत के बाद भी प्रदेश सरकार के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही है। रोज दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करते इन आदिवासियों से घूस वसूलते अपने नुमाइंदों की करतूत पर प्रदेश सरकार को आख़िर कब शर्म महसूस होगी ?
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आदिवासियों को वनभूमि का पट्टा देने का खूब प्रचार कर रहे हैं, लेकिन ज़मीनी सच इन दावों की पोल खोल रहे हैं। 20 सालों से वनभूमि पर काबिज़ पण्डो जनजाति के लोगों के साथ वन विभाग के नुमाइंदे कितनी निर्दयता से पेश आ रहे हैं, बैकुंठपुर गाँव की यह घटना इसका जीता-जागता नमूना है।श्रीमती सिंह ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जाँच कर सभी दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।
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