रायपुर, 29 अक्टूबर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों से कहा हैं कि एक नवम्बर से समर्थन मूल्य पर शुरू हो रही धान खरीद के दौरान किसानों को समितियों और उपार्जन केन्द्रों में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में समर्थन मूल्य पर धान खरीद की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि धान खरीदी की सभी व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में जिलों के प्रभारी सचिव और कलेक्टर मुस्तैद रहें। उन्होंने कहा कि समिति स्तर पर एक नवम्बर को किसानों की बैठक ली जाए और किसानों से धान आवागमन की प्लानिंग समिति स्तर पर की जाए।
उन्होने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश के कारण धान कटाई पूरे तरीके से शुरू नही हुई है। किसानों को धान को सुखाकर लाने के लिए सेंसिटाईस करें, ताकि उन्हें धान बेचने में परेशानी न हो।उन्होने कहा कि भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष खरीदे जाने वाले धान में नमी का प्रतिशत 17 प्रतिशत से कम होना चाहिए। इसका किसानों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
उन्होने धान की मिलिंग के लिए राईस मिलों के पंजीयन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में किसानों के पंजीयन की स्थिति, बारदाना व्यवस्था, धान परिवहन की तैयारियों, संग्रह केन्द्रों में की गई तैयारियों और मिलों के पंजीयन की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की।
बैठक में जानकारी दी गई कि धान परिवहन की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है। नवगठित सभी पांच जिलों में डीएमओ, सहायक लेखा अधिकारी व क्षेत्र सहायक की पदस्थापना की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए अंतर्राज्यीय सीमाओं पर जांच चौकियां सक्रियता से काम करें।