रायपुर 28 सितम्बर।भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के करोड़ो रूपए के चर्चित पीडीएस घोटाले में प्रर्वतन निदेशालय(ईडी)द्वारा उच्चतम न्यायालय में मुख्य आरोपियों को बचाने में अऩ्य लोगो के अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भूमिका पर सवाल उठाने को काफी गंभीर बताते हुए इसे राज्य की जनता एवं जनादेश का अपमान करार दिया है।
डा.सिंह ने आज यहां भाजपा कार्यालय में आहूत प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि भूपेश सरकार के सत्ता में आने के बाद पीडीएस घोटाले के बारे में जिस बात को सदन के अन्दर और बाहर बोलते रहे और घोटाले और मनी लांड्रिंग के मामले में सरकार की भूमिका पर शंका जताते रहे कि घोटाले के मुख्य आरोपी दो नौकरशाहों को बचाने का षडयंत्र हो रहा है,वह ईडी के देश की सर्वोच्च अदालत में दिए कथन से पुष्टि हो गई है।
उन्होने एक राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक में इस आशय की प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए कहा कि ईडी ने उच्चतम न्यायालय में बड़ा आरोप लगाया हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,एसआईटी के सदस्य और एक कानून अधिकारी घोटाले में शामिल दो आईएएस अधिकारियों अनिल टूटेजा एवं आलोक शुक्ला के खिलाफ मामले को कमजोर करने का षडयंत्र किया है।उन्होने आरोप लगाया कि इन दोनो अधिकारियों को मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त हैं,जिसकी वजह से आलोक शुक्ला सेवानिवृति के बाद भी प्रमुख सचिव के पद पर कार्यरत हैं,जबकि टूटेजा सचिव उद्योग है।
डा.सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने इन दोनो को घोटाले में मुख्य आरोपी होने पर निलम्बित किया था,तब विपक्ष में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर रहते श्री बघेल एवं तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष डी.एस.सिंहदेव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इन दोनो की गिरफ्तारी करने तथा घोटाले की जांट सीबीआई एवं ईडी से करवाने की मांग की थी,लेकिन सत्ता में आते ही न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद भी फिर से जांच के लिए एसआईटी का गठऩ किया गया।इसके बाद साक्ष्य और गवाह बदलने लगे।उन्होने कहा कि ईडी ने न्यायालय में इन दोनो को बचाने के षडयंत्र का जो साक्ष्य और मोबाइल मेसेज का ट्रांसक्रिप्ट पेश की है,उससे साफ है कि सत्ता का दुरूपयोग कर साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश हुई है।
उन्होने कहा कि यह समझ से परे है कि जिन आरोपी अधिकारियों को विपक्ष में रहते मुख्यमंत्री जेल भिजवाना चाहते थे,उऩ्हे सत्ता में आते ही बचाने में क्यों लगे है।ऐसे अधिकारियों को संरक्षण देना प्रदेश की जनता और जनादेश का अपमान है।