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छत्तीसगढ़ सरकार ने जीरम न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल बढ़ाया

रायपुर 11 नवम्बर।छत्तीसगढ़ सरकार ने 2013 में बस्तर के जीरम घाटी में हुए नक्सल हमले में कांग्रेस की पहली पंक्ति के नेताओं के मारे जाने की घटना की जांच के लिए गठित उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में गठित एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के समाप्त कार्यकाल को आगे बढ़ाते हुए इसे दो सदस्यीय कर दिया हैं।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज जारी आदेश के अनुसार न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल गत 30 सितम्बर को समाप्त हो गया औऱ आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशान्त कुमार मिश्रा आन्ध्रप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हो चुके है।आदेश में आयोग के सचिव द्वारा गत 23 सितम्बर को सरकार को जांच पूरी नही होने और आयोग का कार्यकाल आगे बढ़ाने का हवाला देते हुए इसके कार्यकाल को अधिसूचना जारी होने की तिथि से छह माह बढ़ाने,इसे दो सदस्यीय बनाने के साथ ही जांच में तीन नए बिन्दु भी शामिल कर दिए हैं।

आदेश के अनुसार दो सदस्यीय जांच आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सतीश .के. अग्निहोत्री एवं सदस्य न्यायमूर्ति जी.मिन्हाजुद्दीन होंगे।आयोग छह माह के भीतर अपनी जांच पूरी कर इसकी रिपोर्ट राज्य शासन को सौंपेगा। जांच के दौरान तकनीकी विषयों/बिन्दुओं पर आयोग किसी संस्था विशेषज्ञ की सहायता ले सकेंगा।

जांच में जिन तीन नए बिन्दुओं को शामिल किया गया हैं उनमें 1-क्या घटना के बाद पीडितों को समुचित चिकित्सीय व्यवस्था मुहैया करवाई गई थी ? 2-ऐसी घटनाओं की पुनर्रावृत्ति को रोकने के लिए क्या समुचित कदम उठाए गए थे ? 3-अन्य बिन्दु आयोग या राज्य शासन के पारिस्थितिक आवश्यकतानुसार निर्घारित किया जायेंगा।

दरअसल आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशान्त कुमार मिश्रा ने आन्ध्रप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त होने तथा आयोग का कार्यकाल समाप्त होने पर आयोग की जांच की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने की बजाय राज्यपाल अनुसुईया उइके को सौंप दिया था।इसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी आपत्ति की थी।तभी से आयोग की रिपोर्ट को लेकर तमाम कयासबाजी चल रही थी।