रायपुर, 15 नवम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से राज्य को धान से एथेनाल बनाने की अनुमति दिलवाने की मांग की हैं।
श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से केंद्रीय वित्तमंत्री डॉ. निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्रियों की वर्चुअल बैठक में यह मांग करते हुए कहा कि राज्य दो तीन वर्षों से इसकी मांग कर रहा हैं,पर केन्द्र से अभी तक अनुमति नही मिली हैं।उन्होने कहा कि इससे राज्य को और किसानों को लाभ होने के साथ ही पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर भारत सरकार द्वारा खर्च की जाने वाली विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
उन्होने केन्द्रीय वित्त मंत्री को बताया कि राज्य में धान से एथेनॉल बनाने की तैयारी राज्य सरकार द्वारा कर ली गई है। धान से एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए 12 कम्पनियों से एमओयू भी किया गया है।उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में गन्ना और मक्का से एथेनॉल बनाने की अनुमति मिली है।उन्होने कहा कि केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ राज्य से 61.65 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की सहमति दी गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से उसना चावल नही लेने का निर्णय केन्द्र सरकार ने लिया है। केन्द्र सरकार का यह निर्णय राज्य, यहां के मिलर्स और श्रमिकों के हित में नहीं है।
श्री बघेल ने बैठक में केन्द्रीय वित्त मंत्री का ध्यान केन्द्र सरकार के सेन्ट्रल पूल में जमा छत्तीसगढ़ के हिस्से की कोल पेनॉल्टी की राशि 4140 करोड़ रूपए की ओर आकर्षित किया और छत्तीसगढ़ को इस राशि को लौटाएं जाने का अनुरोध किया।उन्होने बताया कि कोल पेनाल्टी की इस राशि को लौटाए जाने के संबंध में केन्द्रीय कोयला मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इस राशि को लौटाने की कार्यवाही वित्त मंत्रालय द्वारा की जानी है।
उन्होने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले सेस को कम करने का सुझाव भी दिया, ताकि इनकी कीमतों में और कमी हो तथा इसका लाभ आम जनता को मिले। श्री बघेल ने बताया कि पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी में कमी करने से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 500 करोड़ रूपए का घाटा हो रहा है।
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