रायपुर 26 जनवरी।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि कोरोनाकाल की चुनौतियों के बीच राज्य सरकार की आकर्षक नीतियों और योजनाओं के कारण आम जनता के सशक्तिकरण, समृद्धि, खुशहाली में वृद्धि हुई हैं।
सुश्री उइके ने आज राजधानी के पुलिस परेड ग्राउंड में 73 वें गणतंत्र दिवस के अवसर आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण करने के बाद लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि रोजगार के नए अवसरों को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उद्योग तथा कारोबार के क्षेत्र में भी अनेक रियायतें दी गईं। जन-सामान्य को भी अनेक तरह की आर्थिक राहत देकर उनकी क्रय शक्ति बढ़ाई गई। इस तरह से प्रदेश में अर्थव्यवस्था को संभाला गया जिसके कारण हर स्तर पर मनोबल मजबूत हुआ।
उन्होने कहा कि इन प्रयासों के कारण छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर तीन साल में दूसरी बार 2 प्रतिशत के निकट पहुंची है। पहले छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत से अधिक थी जिसमें 20 प्रतिशत की गिरावट आना बहुत ही सुखद संकेत है।उन्होंने कहा कि धान उत्पादक किसानों को संबल देकर छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी सबसे बड़ी जिम्मेदारी निभाई है। विगत वर्ष 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का कीर्तिमान बनाया गया था।
सुश्री उइके ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए मेरी सरकार ने दीर्घकालीन संस्थागत उपायों पर भी जोर दिया है ताकि इस दिशा में किए जाने वाले प्रयासों की निरंतरता बनी रहे। उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए ‘छत्तीसगढ़ शाकम्भरी बोर्ड’ का गठन किया गया है। चाय तथा कॉफी की खेती तथा प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए ‘छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड’ का गठन किया गया है। कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तरीय फाइटोसेनेटरी लैब की स्थापना की गई है।
उन्होने कहा कि नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी के संरक्षण और विकास की योजनाओं को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। मिट्टी सुधार, भू-जल संवर्धन, जैविक खेती, पशुधन पालन, गांवों में पौष्टिक साग-भाजी तथा फलों की पैदावार में वृद्धि जैसे अनेक प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती में सुराजी गांव योजना का महत्वपूर्ण योगदान दर्ज हुआ है। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी का भुगतान 122 करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों के सम्मान और स्वावलंबन के लिए अनेक नई योजनाएं लागू की गई हैं। ‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए देने की घोषणा पर अमल गणतंत्र दिवस के तत्काल पश्चात किया जा रहा है। इस योजना की पहली किस्त एक फरवरी को प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के वक्त प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए विशेष व्यवस्थाएं करने का वादा मेरी राज्य सरकार ने किया था, जिसे निभाते हुए ‘छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020’ अधिसूचित कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि अधोसंरचना निर्माण के लिए सरकार ने बहुआयामी प्रयास किए हैं। सड़क अधोसंरचना के विकास के लिए राज्य में 24 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत की कार्ययोजना बनाकर अमल में लाई जा रही है। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में लगभग 16 हजार करोड़ रुपए तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में लगभग 8 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में 8 हजार 980 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया। 8 नक्सल प्रभावित जिलों में 4 हजार 472 किलोमीटर सड़कें बनाई गईं, जो अपने आप में एक अतुलनीय उपलब्धि है। योजना के तृतीय चरण के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 5 हजार 612 किलोमीटर की स्वीकृति प्राप्त करते हुए छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर रहा, जिसमें अब तक 4 हजार 313 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। संधारण कार्यों हेतु तैयार ई-मार्ग पोर्टल से मॉनीटरिंग में भी मेरे छत्तीसगढ़ प्रदेश को देश में प्रथम स्थान मिला है।