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भाजपा विधायक हंगामा करते हुए गर्भगृह में पहुंचने पर हुए निलम्बित

रायपुर 11 मार्च।छत्तीसगढ़ विधानसभा में रेडी टू ईट को महिला स्वं सहायता समूहों से लेकर बीज निगम को दिए जाने के निर्णय एवं इस जुड़े मामलों की जांच की मांग को मंत्री द्वारा अस्वीकार किए जाने के बाद मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सदस्य हंगामा करते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंच गए और स्वमेव निलम्बित हो गए।

महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया ने प्रश्नोत्तरकाल में भाजपा सदस्य रजनीश सिंह के मूल प्रश्न एवं नेता प्रतिपक्ष धरम कौशिक के पूरक प्रश्नों के उत्तर में कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने 22 नवम्बर 21 को रेडी टू ईट की व्यवस्था महिला स्वं सहायता समूहों की जगह छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के माध्यम से किए जाने का निर्णय लिया हैं।निगम का फ्लांट रायगढ़ जिले में स्थित हैं।

श्री कौशिक ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से 20 हजार परिवारों के हाथ रोजी रोटी छिन जायेंगी।उन्होने कहा कि उच्चतम न्यायालय में 2013 तत्कालीन मुख्य सचिव द्वारा इस मामले में दाखिल हलफनामा एवं उनकी फाइल पर लिखी टीम की जानकारी मांगी।उन्होने कहा कि केन्द्र के 2013 में राज्य को भेजे पत्र का बहाना बनाकर महिलाओं के हाथ से रोजगार छीना जा रहा हैं।उन्होने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच जरूरी हैं।यह एक हजार करोड़ रूपए का मामला हैं।

मंत्री भेंडिया ने कहा कि मुख्य सचिव द्वारा इस मामले में दाखिल हलफनामा एवं उनकी फाइल पर लिखी टीम को वह उन्हे उपलब्ध करवा देंगी।सरकार ने निर्णय लेते समय उच्चतम न्यायालय के आदेशों को ध्यान में रखा हैं।भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बच्चो को हाईजनिक फूड को उपलब्ध करवाने का आदेश था जिसके परिपेक्ष्य में महिला समूहो ने ऋण लेकर मशीने लगा ली हैं पर अब उनसे रोजी रोटी छीनी जा रही हैं।

श्री अग्रवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश में सरकार ने रेडी टू ईट को बनाने का काम महिला स्वं सहायता समूहों को दिए जाने की घोषणा की हैं।जब हमसे चार गुना बड़ा राज्य यह कर सकता हैं तो हमें क्या दिक्कत हैं।सरकार 16 हजार परिवारों को रोजी रोटी से बेदखल कर रही हैं।विधानसभा अध्यक्ष डा.चरणदास महंत ने कहा कि मंत्री ने कहा कि परिवारों को बेदखल नही किया गया हैं।भाजपा के अजय चन्द्राकर एवं शिवरतन शर्मा ने भी इस मसले को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की और इसमें भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया,और जांच की मांग की।

मंत्री द्वारा जांच की मांग को नकारने के बाद भाजपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने नारे लगाते हुए पहुंच गए और स्वमेव निलम्बित हो गए। अध्यक्ष डा.महंत ने बाद में उनका निलम्बन समाप्त कर दिया।