रायपुर, 22 मार्च।छत्तीसगढ़ के निवासियों के लिए उनके आवास, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, प्रभावशील भू-उपयोग आदि निर्माण कार्यों का नियमितीकरण कराना अब और अधिक आसान हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास नियमितीकरण (संशोधन) विधेयक पारित किया गया। संशोधन विधेयक के अनुसार राज्य के निवेश क्षेत्र के अंतर्गत जहां भी अनियमित विकास हुए हैं उन्हें नियमित कराया जा सकेगा। विधेयक में नियमितीकरण के प्रावधानों को पहले से अधिक शिथिल कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास नियमितीकरण (संशोधन) विधेयक से प्रदेश की जनता को उनके आवास, व्यावसायिक प्रतिष्ठान को नियमित कराने का अवसर मिलेगा। ऐसे लोग जो परिस्थितिवश अनुज्ञा प्राप्त करने से वंचित रह गये थे, उन्हें भी इस अधिनियम के लागू होने पर शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप अपने अनियमित विकास एवं निर्माण को नियमित कराने का मौका मिलेगा। इससे राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। इसका उपयोग विकास योजनाओं में किया जा सकेगा।
छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास नियमितीकरण (संशोधन) विधेयक में भूमि उपयोग में परिवर्तन करने पर कलेक्टर गाईडलाईन का पांच प्रतिशत अतिरिक्त शमन शुल्क अधिरोपित की जावेगी। साथ ही अनाधिकृत विकास की प्रकरण में यदि नियमानुसार पार्किग की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, तो पार्किग हेतु अतिरिक्त शास्ति राशि जमा किया जा कर नियमितीकरण कराया जा सकेगा। इसके अलावा गैर लाभ अर्जित करने वाली संस्थाओं को शास्ति में 50 प्रतिशत तक छूट होगी। इसके साथ ही अनाधिकृत विकास के प्रकरणों में यदि स्थल पर नियमानुसार मार्ग की चौड़ाई उपलब्ध नहीं है तथा स्थल पर विद्यमान गतिविधियों से किसी प्रकार का लोकहित प्रभावित नहीं होने पर नियमितीकरण किया जा सकेगा।