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शास्त्रीय संगीत से मन मस्तिष्क को मिलती हैं शांति- महंत

खैरागढ़ 30 अप्रैल।छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने  कहा कि आज जीवन में जो आपाधापी है, उसमें शास्त्रीय संगीत, नृत्य कला की नितांत आवश्यकता है। यह मन-मस्तिष्क को शुद्ध करने के साथ ही मन को शांति प्रदान करता है और आज की जीवनशैली में इसकी नितांत आवश्यकता है।

डा.महंत ने खैरागढ़ महोत्सव के समापन समारोह को आज सम्बोधित करते हुए कहा कि खैरागढ़ महोत्सव छत्तीसगढ़ में सबसे बड़े संगीत महोत्सव के रूप में जाना जाता है। शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य कला पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। शास्त्रीय संगीत से खैरागढ़ की विश्व में पहचान बनी है। विश्व के कलासाधक यहां आते हैं और संगीत की विधा सीखते हैं। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय संगीत भारत का गौरव है और इसकी महत्वा पूरे विश्व में है।

उन्होने कहा कि राजा वीरेंद्र बहादुर ने अपनी पुत्री राजकुमारी इंदिरा के नाम पर इस विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी है और आज यह विश्वविद्यालय इस मुकाम पर पहुंचा है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की स्मृति साझा करते हुए बताया कि इस विश्वविद्यालय के भूमिपूजन की आधारशिला स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने रखी थी। आधारशिला रखते हुए उन्होंने कहा था यह संभव नहीं है कि सभी संगीतज्ञ बने लेकिन यह आवश्यक है कि सभी संगीत को अपने जीवन का हिस्सा माने। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय का उत्तरदायित्व है कि स्वस्थ संगीत का निर्माण करें। इस दिशा में यह विश्वविद्यालय निरंतर प्रयास करता रहेगा।

उन्होंने कहा कि विकास के इस दौर में शास्त्रीय संगीत, कला नृत्य का महत्व बढ़ा है। आज हम सबको आत्मिक शांति की बहुत जरूरत है और यह विश्वविद्यालय इस दिशा में कार्य कर रहा है। यह विश्वविद्यालय देश का गौरव है। संगीत को विकृत होने से बचाने में महत्व रखता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती मोक्षदा (ममता) चंद्राकर ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की जो पहचान बनी है, उसमें राजा वीरेंद्र बहादुर और रानी  का विशेष योगदान रहा है।

इस अवसर पर कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि सांसद कोरबा श्रीमती ज्योत्सना महंत, संसदीय सचिव श्री कुंवरसिंह निषाद, विधायक श्रीमती यशोदा नीलाम्बर वर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष श्री शैलेंद्र वर्मा व अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि, विश्वविद्यालय के अधिष्ठातागण और छात्र-छात्राओं सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।