रायपुर 07 जुलाई।छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य गठन के बाद मूल निवासी प्रमाणपत्र जारी करने के बने प्रावधानों को और कड़ा करने का निर्णय लिया है।राज्य में अब पहली कक्षा से पढ़ाई करने वाले ही होंगे निवास प्रमाणपत्र के पात्र होंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद की आज यहां हुई बैठक में यह निर्णय गया गया।अभी तक कक्षा आठ एवं इससे आगे की कक्षाओं में राज्य में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं या अन्य को मूल निवासी प्रमाणपत्र जारी होता रहा हैं।इसका उद्देश्य राज्य के बाहर के लोग के अनावश्यक लाभ उठाने से रोकना मुख्य कारण बताया गया हैं।
संशोधित प्रावधानों के अनुसार किसी संस्था में प्रवेश के लिए अथवा शासन के अधीन सेवा के लिए निर्धारित योग्यता के साथ साथ छत्तीसगढ़ के किसी शैक्षणिक संस्थाएं से कक्षा 8वीं की परीक्षा के स्थान पर पहली, चौथी और पांचवी कक्षा की परीक्षा को शामिल किया गया है।अन्य मामलों में भी पहली,चौथी, पांचवी की परीक्षा शैक्षणिक योग्यता में जोड़ने का निर्णय लिया गया है।