पटना 01 अगस्त।पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार द्वारा की जा रही जातिगत जनगणना को सही ठहराया है।
मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रनऔर न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की पीठ ने जाति आधारित जनगणना को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर आज फैसला सुनाया।
जनगणना दो चरणों में की जानी थी। पहले चरण के अंतर्गत जनवरी में राज्य सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू की थी। जनगणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल को शुरू हुआ, जिसमें लोगों की जाति और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों से संबंधित आंकड़े इकट्ठा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। पूरी प्रक्रिया इस साल मई तक पूरी करने की योजना थी। लेकिन, 4 मई को उच्च न्यायालय ने इस जाति आधारित जनगणना पर रोक लगा दी थी।