नई दिल्ली 11 जुलाई।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी का उपयोग केवल मानवता के विकास और शांति के लिए होना चाहिए।रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा जैसे प्रौद्योगिकियों का समावेश समय की आवश्यकता है।
श्री सिंह ने आज यहां रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर पहली संगोष्ठी और प्रदर्शनी के दौरान 75 नव-विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्पादों का शुभारंभ करते हुए कहा कि रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आगमन से बड़े बदलाव हो रहे हैं। अब तक जहां युद्धों में मानव की पूरी भागीदारी होती रही है वहीं आर्टिफिशियल एप्लीकेशनस की सहायता से ऐसे नये ऑटोनॉमस वेपन्स और सिस्टम का विकास हो चुका है, जो ह्यूमन कंट्रोल के बिना भी अपना लक्ष्य भेदने में और दुश्मन के स्टेबलिशमेंट को नष्ट करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। ट्रेनिंग और सिविलेशन को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग से बेहतर बनाया जा रहा है जो सैनिको की ट्रेनिंग में बहुत ही सहायक भी सिद्ध हो रहा है।
उन्होने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने रक्षा, स्वास्थ्य और चिकित्सा, कृषि, व्यापार तथा वाणिज्य और परिवहन सहित लगभग हर क्षेत्र में अपनी जगह बना ली है।आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां पर कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका न हो। मेडिकल क्षेत्र में देखें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल, कॉम्प्लैक्स मेडिकल और हैल्थकेयर डाटा के एनालिसिस के प्रेजेंटेशन में बखूबी किया जा रहा है। नई-नई मेडिसिन और डिस्कवर करने के लिए, रिसर्च और डेवेलेपमेंट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हो रहा है। एग्रीकल्चर सैक्टर में भी यदि तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम ओवरऑल हारवेस्ट क्वालिटी इम्प्रूव करने में सहायक हो रहे हैं। इसी तहर ट्रेड, कॉमर्स, ट्रान्सपोर्ट और अन्य अनेक क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपनी बहुत ही अहम भूमिका निभा रहा है।