Thursday , November 14 2024
Home / MainSlide / अनियमित संविदा दैनिक वेतनभोगी के नियमितीकरण की जल्द होगी कोशिश- भूपेश

अनियमित संविदा दैनिक वेतनभोगी के नियमितीकरण की जल्द होगी कोशिश- भूपेश

रायपुर 27 जुलाई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि अनियमित संविदा दैनिक वेतनभोगी के नियमितीकरण की जल्द कोशिश होगी।

श्री बघेल ने आज विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल में कहा कि दो वर्ष कोरोना से लड़ाई में निकल गया,फिर भी उनकी सरकार अपने जनघोषणा पत्र में किए वादे को पूरा करने की कोशिश करेंगी।उन्होने कहा कि इसके लिए प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग की अध्यक्षता में अधिकारियों की एक सदस्यीय समिति गठित की गई है।इसकी बैठक 09.1.20 को हुई जिसमें विभागों से ऐसे कर्मचारियों का विवरण मंगाने तथा विधि एवं विधाई विभाग से अभिमत मांगने सहित कई निर्णय लिए गए।विधि विभाग द्वारा इलस पर महाधिवक्ता से अभिमत मांगा गया है जोकि अभी तक प्राप्त नही हुआ है।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि ढ़ाई वर्ष हो गया अभी तक अभिमत नही आया तो सरकार ने इस पर क्या कदम उठाए। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने पूछा कि ढ़ाई वर्ष में क्या कभी मंत्रिमंडल स्तर पर इसकी समीक्षा हुई।भाजपा के सौरभ सिंह ने कहा कि कांग्रेस को पता था कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व में आए निर्णय के मद्देनजर नियमितीकरण नही हो सकता उसके बावजूद जन घोषणा पत्र में इसे शामिल किया गया।

श्री बघेल ने कहा कि इसीलिए महाधिवक्ता का अभिमत मांगा गया है कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय का कोई उल्लंघन नही हो।उन्होने सचिवों की समिति गठित होने से पूर्व ही अभिमत मांगने पर विपक्षी सदस्यों की आपत्ति पर उन्होने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नही है।श्री कौशिक ने पूछा कि कब तक अभिमत आ जायेगा और नियमितीकरण का प्रक्रिया पूरी हो जायेगी,श्री बघेल ने कहा कि समय सीमा बताना संभव नही है अतिशीघ्र करने की कोशिश करेंगे।

भाजपा के कई सदस्य इस बीच खड़े हो गए और कहा कि मुख्यमंत्री उनके प्रश्नों के सटीक उत्तर नही दे रहे है।श्री बघेल ने कहा कि वह पूरे उत्तर दे रहे है लेकिन सभी सदस्य एक साथ प्रश्न पूछेंगे तो उत्तर देना संभव नही है।दोनो और से इस पर नोकझोक हुई और भाजपा सदस्य नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष डा.चरणदास महंत ने सदस्यों को शान्त करने का प्रयास किया जब उऩ पर कोई असर नही हुआ तो कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।कार्यवाही फिर शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष ने फिर मामले में उत्तर की मांग की,और कोई जवाब नही मिलने पर भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।