तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस की बात कही है। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता के खिलाफ बात करने वालों से कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए। रवि ने कहा कि बीते आठ साल में सरेंडर नहीं करने वाले किसी भी हथियारबंद ग्रुप से बात नहीं हुई है। मालूम हो कि आरएन रवि ने सरकार और इसाक मुइवा के नेतृत्व वाली नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN-IM) के बीच वार्ताकार की भूमिका निभाई थी।
रवि नागालैंड के पूर्व राज्यपाल भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि बंदूक का इस्तेमाल करने वाले से बंदूक की भाषा में ही बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति होगी। देश की एकता और अखंडता के खिलाफ बात करने वाले से कोई समझौता नहीं होगा। बंदूक इस्तेमाल करने वाले को बंदूक से ही जवाब दिया जाएगा।’
राज्यपाल ने कांग्रेस-यूपीए के रवैये पर उठाया सवाल
राज्यपाल रवि ने कहा कि सुरक्षा को लेकर चिंता अभी भी बरकरार है, लेकिन बड़े पैमाने पर कश्मीर, उत्तरपूर्व इलाके और नक्सल प्रभावित हिस्सों में सुधार आया है। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद कांग्रेस-यूपीए सरकार ने पाकिस्तान के प्रति जो रवैया अपनाया, उस पर रवि ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘पड़ोसी देश दोस्त है या फिर दुश्मन, यह बहुत साफ होना चाहिए।’
‘बालाकोट एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान को दिया साफ संदेश’
बालाकोट में हुई एयरस्ट्राइक का भी उन्होंने जिक्र किया। राज्यपाल ने कहा कि एयरस्ट्राइक से साफ संदेश गया कि अगर आप आतंकी कदम उठाएंगे तो आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। आरएन रवि ने कहा, ‘जब 26/11 हमला हुआ तब पूरे देश को आघात पहुंचा। देश को मुठ्ठी भर लोगों ने अपमानित कर दिया। हमले के नौ महीने के अंदर ही हमारे और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने एक पेपर पर साइन किया, जिसमें कहा गया था कि दोनों देश आतंकवाद से पीड़ित हैं।’
‘साफ होना चाहिए कि पाकिस्तान दोस्त या दुश्मन’
तमिलनाडु के राज्यपाल ने पूछा, ‘…यह क्या है? यह साफ होना चाहिए कि पाकिस्तान दोस्त है या फिर दुश्मन। पुलवामा हमले के बाद हमने एयर पावर का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में हमला किया। इससे यह साफ संदेश गया कि अगर आप आतंकी घटनाएं करोगे तो आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।’
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