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केन्द्रीय सूखा अध्ययन दल ने मुख्य सचिव के साथ की बैठक

रायपुर 23 नवम्बर।छत्तीसगढ़ में सूखे की स्थिति का मौके पर जायजा लेने आए केन्द्रीय सूखा अध्ययन दल के सदस्यों ने आज मुख्य सचिव विवेक ढांड की अध्यक्षता में आयोजित राज्य के आला अधिकारियों के बैठक कर हालात के बारे में विचार विमर्श किया।

भारत सरकार के संयुक्त सचिव के.एस.श्रीनिवासन के नेतृत्व में आये केन्द्रीय अध्ययन दल की तीन टीमों ने 21 नवम्बर से 23 नवम्बर तक प्रदेश के सूखा प्रभावित जिलों बेमेतरा, बलौदाबाजार, धमतरी, महासमुंद और दुर्ग तथा राजनांदगांव एवं रायपुर जिले का भ्रमण कर सूखा प्रभावित क्षेत्रों का अध्ययन किया था।दल के सदस्यों ने मुख्य सचिव के साथ आयोजित बैठक में उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया।

श्री श्रीनिवासन ने बताया कि टीम के सदस्यों ने जिलों के भ्रमण के दौरान किसानों, ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर सूखे की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि अध्ययन दल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मनरेगा, निस्तार एवं पेयजल, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन वितरण और धान खरीदी  की भी जानकारी ली है।

मुख्य सचिव श्री ढांड ने केन्द्रीय अध्ययन दल को बताया कि राज्य के 27 जिलों में से 21 जिलों की 96 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है।उन्होंने बताया कि अल्प वर्षा, खण्ड वर्षा तथा समय पर पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण धान की बियासी एवं निंदाई का कार्य समय पर नहीं हो पाया, जिसके कारण खरपतवार बढ़ गए, जिससे धान की फसल का ग्रोथ और उत्पादकता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।

केन्द्रीय अध्ययन दल के ध्यान में यह भी लाया गया कि सूखा प्रभावित जिन जिलों और तहसीलों का भ्रमण किया गया, वहां भी धान की फसल गंभीर रूप से प्रभावित हुई। ऐसी स्थिति अन्य सूखा प्रभावित जिलों की भी है, जिस पर केन्द्रीय अध्ययन दल ने अपनी सहमति व्यक्त की।