महाराष्ट्र में एक बार फिर गरमाने लगा है हलाल मांस का मुद्दा, MNS ने दी आंदोलन की चेतावनी
महाराष्ट्र में एक बार फिर हलाल और झटका मांस का मुद्दा गरमाने लगा है। राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) की तरफ से हलाल मीट का विरोध किया जा रहा है। MNS का कहना है कि, इसका पैसा टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल होता है। MNS का कहना है कि इसके कारण हिंदुओं की आजीविका और राजस्व पर काफी असर पड़ा है। MNS नेता यशवंत किल्लेदार ने कहा कि हलाल और झटका मांस के तरीका केवल धार्मिक मुद्दा ही नहीं है।
किल्लेदार ने आगे कहा कि यदि 15 फीसदी मुसलमानों के लिये हलाल मांस की व्यवस्था की जा रही है, तो अन्य धर्म के लोग उसे क्यों स्वीकार करें? अरब देशों में हलाल मीट की मांग है, इसलिए वहाँ हलाल किया जाता है। किल्लेदार ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इन पैसों का इस्तेमाल चरमपंथ के मामलों के आरोपियों के मुक़दमे लड़ने के लिए किया जाता है। “नो टू हलाल” की जागरूकता के लिए एक आंदोलन शुरू किया जाएगा।
MNS नेता ने आगे कहा कि हलाल जानवरों को मारने का एक क्रूर इस्लामिक तरीका है। इससे भारतीय इकॉनमी को काफी नुकसान हो रहा है। हलाल के माध्यम से मिले पैसे का इस्तेमाल आतंकी संगठनों के लिए किया जाता है। हिंदू, सिख, ईसाई झटका तरीके से कटा हुआ मांस खाते हैं। कच्चे मीट के लिए हलाल का उपयोग किए जाने वाले सर्टिफिकेशन अब मैकडॉनल्ड्स, केएफसी, अन्य फास्ट फूड, कॉस्मेटिक्स, आयुर्वेदिक मेडिसिन, हॉस्पिटल और अन्य कंपनी ले रही हैं। एक प्रकार से इस्लामिक इकॉनमी भारत में बन रही है। हलाल के कारण हिंदू खटीक वाल्मीकि समाज को रोजी रोटी नहीं मिल रही है।