प्रयागराज में बाढ़ के पानी से घिरे 40 मोहल्ले और 120 गांव..
Prayagraj Flood गंगा और यमुना शनिवार दोपहर खतरे के निशान के लगभग एक मीटर ऊपर बह रही हैं। बाढ़ से अब तक सवा तीन लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हो गई है। लगभग 40 मोहल्ले और 120 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैैं। हालात भयावह होने लगे हैैं। लगभग 38 हजार लोग बेघर हो चुके हैैं। 5000 से ज्यादा लोग 13 बाढ़ राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं।
27 अगस्त को प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर (दोपहर 2 बजे)
फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर- 85.39 मीटर, पिछले दो घंटे में 4 सेमी जलस्तर बढ़ा
छतनाग में गंगा नदी- 84.70 मीटर- पिछले दो घंटे में 4 सेमी जलस्तर बढ़ा
नैनी में यमुना नदी- 85.36 मीटर, पिछले दो घंटे में जलस्तर 5 सेमी बढ़ा।
इन राज्यों से छोड़ा जा रहा पानी गंगा-यमुना का बढ़ा रहा जलस्तर : मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड से जलजला आ रहा है। कई राज्यों से आ रहे वर्षा के पानी के चलते गंगा और यमुना अब रौद्र रूप धारण कर चुकी हैैं। तटीय इलाकों में तो दोनों नदियां तबाही मचाने लगी हैैं। हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गईं। किसानों के डेरे बह गए। काफी संख्या में मवेशी भी बाढ़ में बह गए। कच्चे मकान पानी में समा गए। तेज लहरों के चलते शहर के पक्के मकानों की दीवारें दरक गईं। दर्जनों स्थानों पर सड़कें टूट गईं तो बिजली के पोल टेढ़े हो गए।
तटीय इलाकों में तबाही का मंजर : गंगा और यमुना के सैलाब से तटीय क्षेत्रों में अब तबाही का मंजर भी दिखने लगा है। घरों में पानी घुसने से गृहस्थी बर्बाद हो गई। सबसे ज्यादा खराब हालात शहर के राजापुर, नेवादा, गंगानगर, चांदपुर, सलोरी, छोटा बघाड़ा, दारागंज, बेली के हैैं। यहां के छह हजार से ज्यादा घरों में पानी घुस गया है। लोगों को घरों से सामान निकालने का मौका तक नहीं मिल सका। घरों में पानी घुसने पर सिर्फ बेहद आवश्यक सामान ही लेकर ही लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए।
सब्जी आदि फसल जलमग्न : गंगा और यमुना के किनारे गांवों में सब्जी व अन्य फसलें जलमग्न हो गईं। किसानों को भारी नुकसान हुआ है। श्रृंगवेरपुर, बहादुरपुर, जसरा, करछना, उरुवा, मेजा, सैदाबाद, हंडिया ब्लाक के कई गांवों मेें खेतों में रखे किसानों के डेरे व वहां पाले गए काफी संख्या में पशु भी पानी में बह गए। गांवों में दोनों नदियों के किनारे कच्चे मकान पानी में डूब गए। तबाही का आलम इसी से पता चलता है कि कई स्थानों पर बिजली के पोल टेढ़े हो गए। सड़कें और पुलिया टूट गईं।
तटीय क्षेत्रों से बाढ़ पीडि़तों का पलायन, चार हजार लोग शिविर में : गंगा और यमुना के तटीय क्षेत्रों से बाढ़ पीडि़तों का पलायन जारी है। शुक्रवार की रात तक 987 परिवार के 4036 लोग बाढ़ राहत शिविरों में शरण ले चुके थे। अधिकारियों की ओर से बाढ़ में फंसे लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है।
बाढ़ से प्रभावित मोहल्ले व गांव : गंगा के किनारे द्रौपदी घाट, नेवादा, राजापुर, गंगानगर, बेली, म्योराबाद, मेंहदौरी, शंकरघाट, चांदपुर, सलोरी, छोटा बघाड़ा, गोविंदपुर, बड़ा बघाड़ा, शिवकुटी, चिल्ला, सादियाबाद, दारागंज बाढ़ के पानी से घिर गए हैैं। छोटा बघाड़ा, दारागंज, नेवादा, गंगानगर में तो घरों के भूतल पानी से डूब गए हैैं। यमुना के किनारे सदियापुर, ककरहा घाट, बक्शी मोढ़ा, करैलाबाग, हड्डी गोदाम, करेली, गौशनगर, आजाद नगर, इस्लाम नगर आदि मोहल्लों में ससुर खदेरी नदी के माध्यम से बाढ़ का पानी घुस गया। गंगा और यमुना के किनारे बसे बारा, करछना, मेजा, सोरांव, फूलपुर व हंडिया तहसील क्षेत्र के लगभग 118 गांव भी बाढ़ की चपेट में हैैं।