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एसटीएफ ने सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में की पहली गिरफ्तारी..

Uttarakhand Secretariat Guard Paper Leak : स्नातक परीक्षा का पेपर लीक प्रकरण के बाद अब एसटीएफ ने सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में पहली गिरफ्तारी कर ली है। सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में थाना रायपुर में एसटीएफ की ओर से मुकदमा दर्ज कराया था।

प्रदीप पाल को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया

एसटीएफ की टेक्निकल टीम ने यूकेएसएसएससी में गहन जांच बाद इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस पाने में सफलता प्राप्त की है। जिसके बाद बाराबंकी निवासी प्रदीप पाल से पूछताछ की गई। साक्ष्य व गहन पूछताछ के बाद एसटीएफ द्वारा प्रदीप पाल को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया गया है। पूछताछ के दौरान पेपर लीक को लेकरकई बड़े खुलासे हुए हैं। जो इस प्रकार हैं:
  • आयोग के अंदर से ही हुआ था सचिवालय रक्षक का प्रश्नपत्र लीक
  • प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी प्रदीप पाल ने लैपटॉप से पेनड्राइव के माध्यम से निकाला था पेपर
  • आयोग के अंदर लगे कैमरों की सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर एसटीएफ के हाथ लगे अहम सुराग
  • स्नातक स्तर के पेपर लीक मामले में आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन के मालिक राकेश चौहान ने दो करोड़ में की थी पेपर की डील
  • अपने एक रिश्तेदात के माध्यम से की थी धामपुर निवासी केन्द्रपाल से की थी मुलाकात

परीक्षार्थियों को लाखों रुपए में पेपर बेचा था पेपर

आरोपित आरआइएमएस कंपनी का कर्मचारी था और आयोग में लंबे समय से कार्यरत था। बताया गया कि प्रदीप पाल के द्वारा ही पेन ड्राइव के माध्यम से प्रश्न पत्र चुराया गया था। इसके बाद अन्य साथियों की मदद से प्रदीप पाल ने परीक्षार्थियों को लाखों रुपए में पेपर बेचा था।

अनुचित साधन से उत्तीर्ण हुए अभ्‍यर्थी चिन्हित

एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जो छात्र सचिवालय रक्षक परीक्षा में अनुचित साधन से उत्तीर्ण हुए हैं, उनको चिन्हित कर लिया गया है। वह अपने बयान खुद आकर दर्ज करवाएं।

भर्ती घोटालों पर भड़के कांग्रेसी

अधीनस्थ चयन सेवा आयोग सहित विभिन्न विभागों में हुए भर्ती घोटालों को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के खिलाफ कोटद्वार में प्रदर्शन किया। साथ ही राज्यपाल को ज्ञापन भेज भर्तियों की सीबीआई से जांच की मांग की है। शनिवार को जिलाध्यक्ष डा. चंद्रमोहन खर्कवाल के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्तातहसील परिसर में एकत्र हुए और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि भाजपा के बड़े नेताओं की शह पर ही उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में भर्ती के नाम पर अब तक का सबसे घोटाला सामने आया है। जांच के नाम पर सिर्फ छोटे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। जबकि घोटाले में कई बड़े अधिकारी व राजनेता शामिल हैं, जिन्हें बचाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। कहा कि वन विभाग, शिक्षा विभाग, सहकारिता विभाग सहित अन्य विभागों में भी पिछले दरवाजे से भर्तियां हुई हैं। विधानसभा में भी बगैर विज्ञप्ति जारी किए ही मंत्रियों ने अपने चहेतों को नौकरी पर लगा दिया है। प्रदेश का युवा रोजगार के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि भर्तियों में हुए घोटालों से प्रदेश की जनता अपने को ठगा महसूस कर रही है। इस दौरान एकस्वर में विभिन्न विभागों सहित विधानसभा में हुई भर्तियों की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की गए। कहा गया कि ऐसा न होने की स्थिति में आंदोलन किया जाएगा।