बिलासपुर, 16 सितम्बर।छत्तीसगढ़ मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष गिरिधारी नायक एवं आयोग के सदस्य नीलम चंद सांखला ने आज यहां जनसामान्य की शिकायतों एवं निराकरण के संबंध में जिला अधिकारियों की बैठक लेकर जानकारी ली।
श्री नायक और सदस्य श्री सांखला ने आयोग में बिलासपुर जिले से लंबित 15 प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा की। लंबित प्रकरणों का निराकरण जल्द करते हुए प्रतिवेदन प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से जिले में लापता लोगों और बच्चों के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जानकारी ली। विगत पांच वर्षों में विचाराधीन दण्डित बंदियों की मृत्यु से संबंधित और पुलिस अभिरक्षा में हुए मृत्यु संबंधी प्रकरणों की भी समीक्षा की। कस्टोडियल डेथ में मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम सहित सभी गाइडलाइन का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने कहा। कोविड महामारी से मृत व्यक्तियों की संख्या और लंबित मुआवजा प्रकरणों की जानकारी ली।
श्री नायक ने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए कि वरिष्ठ नागरिक संरक्षण अधिनियम के तहत प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए इन पर तत्काल कार्यवाही करें। पेंशन प्रकरणों की जानकारी लेते हुए लंबित प्रकरणों को जल्द निराकृत करने के निर्देश दिए।
श्री नायक और सदस्य श्री सांखला ने केंद्रीय जेल बिलासपुर का निरीक्षण किया। बंदियों से चर्चा कर उनकी समस्या सुनी। लगभग 19 एकड़ के इस केंद्रीय जेल में सभी बैरकों, आइसोलेशन कक्ष, पाकशाला, रंगशाला, गौशाला सहित पूरे परिसर का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने सीपेज की सीपेज की समस्या दूर करने के निर्देश जेलर को दिए। इसके अलावा सिविल लाइन थाने का भी निरीक्षण किया।
उन्होने वृद्धाश्रम का भी निरीक्षण किया। वृद्धाश्रम में 55 वृद्ध है, जिनमें 30 पुरुष और 25 महिलाएं शामिल है। श्री नायक ने मानसिक रोगियों को सामान्य लोगों से अलग रखने के निर्देश दिए। सीएसआर मद से मानसिक रोगियों के लिए अटेंडर रखने के निर्देश दिए।इसके बाद जिला अस्पताल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने मरीजों से चर्चा कर उनको दी जा रही सुविधाओं की भी जानकारी ली।