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 पहले ही हो जाना था सदन में नारी सम्मान का काम: CM योगी 

Women Empowerment in UP Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के चौथे दिन को गुरुवार को महिला सदस्यों को समर्पित किया गया। मानसून सत्र के चौथे दिन विधानसभा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संबोधित किया। सदन में गुरुवार को 53 महिला विधायकों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें बेहद प्रसन्नता है कि आज सदन में आज सभी लोग नारी शक्ति को देख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी महिला जनप्रतिनिधियों को मेरी बधाई। सभी सदस्यों को उत्तर प्रदेश के एतिहासिक दिन की बधाई। आज का बहुत ही विशेष है। आज सदन का दिन महिलाओं के नाम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मां के समान किसी के पास भी कोई छाया-सहारा नहीं है। मां के प्रति यह भाव हर नागरिक में होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सदन में नारी सम्मान का यह काम काफी पहले ही हो जाना चाहिए था। आज तो सदन में नारी शक्ति अद्भुत नजारा देखने का हमको भी मौका मिला है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में महिला-पुरुष दोनों को समान अधिकार है। हम सभी को पता है कि मातृ शक्ति से सब कुछ संभव है। देश की आजादी के बाद महिलाओं के हक में काम हुए। झांसी की रानी पर पूरा उत्तर प्रदेश गर्व करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब आभारी हैं कि देश का सबसे बड़ा विधानमंडल एक नए इतिहास को बनाने के लिए अग्रसर हो रहा है। आजादी के 75 वर्ष के बाद आधी आबादी अपनी आवाज को इस सदन के माध्यम से प्रदेश की 25 करोड़ जनता तक पहुंचेगी। इसके साथ ही साथ ही प्रदेश की समस्याओं और उपलब्धियों को लेकर और अन्य समसामायिक महत्वपूर्ण मुद्दों को इस सदन में रखने का उन्हें अवसर प्राप्त होगा। इसके लिए मैं सभी बहनों का अभिनंदन करता हूं।
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उन्होंने कहा कि यह कार्य पहले होना चाहिए था। माननीय विधानसभा अध्यक्ष ने आज का पूरा दिन आपने माननीय महिला सदस्यों को लिए आरक्षित किया है। यह सभी अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि शुरुआत में एक प्रारंभिक प्रस्तावन रखने के लिए यहां खड़ा हुआ हूं। मुझे महार्षि वेदव्यास की पंक्तियां याद आती है। जो उन्होंने नारी शक्ति के लिए कहा है.. नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गति:। नास्ति मातृसमं त्राणं. नास्ति मातृसमा प्रिया। यानि मां के सामना कोई छाया नहीं, मां के सामान कोई सहारा भी नहीं, मां के सामान कोई रक्षक भी नहीं और मां के सामान कोई प्रिय भी नहीं होता है। मुझे लगता है कि मातृ शक्ति के प्रति ये सम्मान हर नागरिक के मन में आ जाए तो मुझे लगता है कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसा नहीं पहली बार हो रहा हो, आजादी के बाद इस दिशा में बहुत अच्छे प्रयास हुए, काफी प्रगति भी हुई। आज उन पर चर्चा भी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में बिना भेदभाव के पहले निर्वाचन से पुरुष और महिला को अपना मत देने का अधिकार है। यही नहीं इंग्लैंड जैसे कई देशों में यह अधिकार भारत के बाद मिला। भले वहां लोकतंत्र पहले से रहा हो। यह भारत की ताकत का एहसास पूरे विश्व को कराता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी मातृशक्ति पर कई कार्यक्रम चला रही है। हमारी सरकार ने भी महिला सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए हैं। हमने कन्या सुमंगला योजना का कार्यक्रम आगे बढ़ाया, आज लगभग 13,67,000 बेटियों को इस योजना का लाभ प्रदेश में प्राप्त हो रहा है। निराश्रित महिला पेंशन योजना में 1000 रुपए उनकी पेंशन की गई, 31,50,000 महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है।सरकार भी महिला के प्रति होने वाले अपराध को लेकर बेहद ही गंभीर है। इसके साथ ही सर्व शिक्षा अभियान में भी बालिकाओं को अधिक संख्या में स्कूल भेजने पर जोर दिया जा रहा है। सीएम ने ली चुटकी, घर की महिलाओं से माफी मांग सकते हैं पुरुष विधायक मुख्यमंत्री ने इस दौरान विधानसभा में चुटकी भी ली। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज सदन में पुरुष विधायक सिर्फ सुनें। आज केवल महिला सदस्यों की आवाज गूंज रही है। महिला विधायक अपना विषय रख रहीं हैं। हमने ये देखा है कि सदन में पुरुष नेताओं की बातों के पीछे कहीं महिला सदस्यों की आवाज दब जाती है। मगर आज सदन की कार्यवाही में महिला सदस्यों की बातें सुनकर उन्हें अपनी गलती का एहसास हो जाए। तो घर की महिलाओं से माफी मांग सकते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के इतना कहते ही सभी सदस्य हंसने लगे। 150 महिलाओं को विशेष निमंत्रण इस दिन को खास बनाने के लिए 150 महिलाओं को विधान भवन में आमंत्रित किया गया । इन महिला विधायकों को सुनने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश माहाना ने केजीएमयू से महिला डाक्टर, एकेटीयू से महिला शिक्षक तथा प्रदेश के विधि विश्वविद्यालयों से कानून की पढ़ाई करने वाली महिलाओं को सदन में आमंत्रित किया है। इन सभी महिलाओं को विधानसभा मंडप की चार दर्शक की दीर्घाओं में बैठाया गया है ।