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अगर आप भी हैं शर्मीले, तो ऐसे लाएं खुद में बदलाव

आपने कई लोगों को देखा होगा जिनके मन में कुछ बात चल रही होती हैं लेकिन वे दूसरों के सामने उसे व्यक्त नहीं कर पाते हैं। इसके पीछे का कारण बनता हैं उनका शर्मीलापन। ऐसे स्वभाए के लोग बहुत संकोची होते हैं और अपनी बात रखने में झिझक महसूस करते हैं। शर्मीला होना गलत नहीं हैं, लेकिन जब यह हमारी सफलता और संबंधों में बाधा बनता हैं तो गलत हैं। शर्माना भी एक हद तक ही ठीक होता है और किसी खास परिस्थिति में आपको इस शर्मीलेपन को छोड़ना ही पड़ता हैं। आपकी इस आदत को छुडाने के लिए हम यहां आपको इसके तरीके बताने जा रहे हैं जो आपके लिए मददगार साबित होंगे। आइये जानते हैं इनके बारे में…

शर्माना नहीं है दिक्कत

शर्माने की आदत छोड़ने की तैयारियों के बीच एक बात मन में बैठा लें कि शर्माना कोई दिक्कत नहीं है। ऐसी दिक्कत तो बिल्कुल नहीं है, जिसे खत्म न किया जा सके। अगर आप इसे अपनी परेशानी मानेंगे तो इससे छुटकारा पाना भी कठिन होगा। इसलिए ये जरूरी है कि आप सबसे पहले शर्माने को परेशानी न मानकर जिंदगी का हिस्सा मानें। ऐसा सोचेंगे तभी इससे दूर जाने का साहस तलाश पाएंगे। वरना ये आपकी पर्सनैलिटी पर हावी होती जाएगी और आप इससे घिरते जाएंगे।

अपनी शर्म को स्वीकार करें

अपनी शर्म पर काबू पाने का पहला कदम है, अपनी शर्म को स्वीकार करना और इसके साथ सहज होने की कोशिश करना। जितना अधिक आप अनजाने में या जानबूझकर इसका विरोध करेंगे, यह उतना प्रबल होगा। अगर आपको शर्म आ रही है, तो इसे स्वीकार करें और पूरी तरह से इसे अपनाएं। इसे अपनाने का एक तरीका है, कहें ‘हाँ मैं शर्मीला हूँ और मैं इसे स्वीकार करता हूँ’ बार-बार अपने आप से कहें।

बेइज्जती होने का डर निकाल दें

यह बात मन में ठान लें कि आपकी इज्जत इतनी हल्की नहीं कि कोई भी बेइज्जत कर दे। अगली बार आप जब किसी पार्टी में जाएं तो यह मन में ठान कर जाएं। दरअसल अधिकतर शर्मीले लोग यही सोचकर भीड़ में खुद को दूर कर लेते हैं।

धीरे-धीरे करें शुरुआत

शर्माने की अपनी आदत छोड़ने का मन बना चुके हैं तो इसे यूं हीं चुटकी बजाते ही खत्म नहीं कर पाएंगे। इसके लिए आपको छोटे-छोटे कदम लेने होंगे। शुरुआत दोस्तों के साथ समय बिताने से कीजिए। पहले जहां आप दोस्तों के साथ बैठने से भी कतराते थे, मतलब भर की बात ही करते थे। या फिर सिर्फ किसी खास के साथ ही समय बिताते थे। वैसा मामला अब सही नहीं रहेगा। दोस्तों के साथ होने वाली छोटी से छोटी पार्टी में भी शामिल जरूर हों। ये छोटी पार्टियां ही आपको खूब सारे लोगों के सामने खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करेंगी।

सिर उठाकर बात करें

जब भी किसी से बात करें तो सिर उठाकर आई कांटैक्ट के साथ बात करें। ऐसा करने से आपका आत्मविश्वास बढेगा और आप मजबूत दिखेंगे। आपकी झिझक भी कम होगी। आपको अपने दोस्तों से आई कांटैक्ट करके ही बात करनी होगी। अब वो रवैय्या नहीं चलेगा कि देख कहीं रहे हैं, बोल कहीं रहे हैं। अब आंखों में आंखें डालकर पूरे आत्मविश्वास से बात करनी होगी। तब कहीं जाकर आपकी झिझक खुलेगी।

अच्छे पोस्चर बनाने की प्रैक्टिस करें

सीधे खड़े होना, दुनिया को छाप देता है कि आप आश्वस्त हैं और दूसरों को स्वीकार करते हैं। अक्सर हम जिस तरह से महसूस करते हैं, वैसे ही हमसे व्यवहार किया जाता हैं- तो अगर आप खुले और सुलभ लग रहे हैं, तो आपका शरीर भी वैसा अनुकरण करेंगा।

खुद की तुलना दूसरों से ना करें

जितना अधिक आप खुद की तुलना दूसरों से करेंगें, उतना अधिक आप महसूस करेंगे कि आप बराबरी करने में सक्षम नहीं हैं और उतना अधिक आप भयभीत होगें, जो आपको डरपोक बनाएगा। खुद की तुलना किसी भी दूसरे से करने का कोई उपयोग नहीं है – लेकिन अगर आप ऐसा करेगा, तो इसे वास्तविक रूप से करें।

खुद के लुक पर दें ध्यान

अगर आपको लगता है कि आप बेहतर नहीं दिखते तो लुक पर ध्यान दें और ना हो तो विशेषज्ञ की मदद लें। हालाकि लोग लुक से ज्यादा उन लोगों को पसंद करते हैं जो आत्मविश्वास से भरा इंट्रेस्टिंग इंसान हो। अब जब आप शर्माने की आदत छोड़ने को तैयार हैं तो खुद के लुक्स को सबसे पहले सुधारिए। अपने पहनावे पर ध्यान दीजिए और हाइजीन पर भी। इससे आप दूसरों के सामने खुद को कमतर नहीं आंकेंगे और पूरे आत्मविश्वास से बिना शर्माए बात कर पाएंगे।