रायपुर 02 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश सरकारी अस्पतालों की गुणवत्ता में तेजी से सुधार हो रहा है और वहां डॉक्टरों, पैरामेडिकल कर्मचारियों और जरूरी उपकरणों की भी समुचित व्यवस्था की जा रही है।
श्री चन्द्राकर ने आज अपने विभाग की उपलब्धियों की जानकारी देने के लिए आयोजित पत्रकार सम्मेलन में यह दावा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवाओं में सुधार करते हुए फैकल्टी की कमी को दूर किया जा रहा है।उन्होंने कहा हमारा लक्ष्य मरीजों को निःशुल्क निदान की सुविधा दिलाने का है, और हम उस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होने कहा कि राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों का कायाकल्प हो रहा है। श्री चंद्राकर ने बताया कि स्वास्थ्य बीमा योजना में 55 लाख 62 हजार परिवारों को स्मार्ट कार्ड देकर छत्तीसगढ़ ने इस बीमा कवरेज में राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान हासिल किया है। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के जरिए अब स्मार्ट कार्ड पर सालाना निःशुल्क इलाज की राशि इस वर्ष अक्टूबर से 30 हजार रूपए से बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दी गई है।
मंत्री ने कहा कि देश के कई राज्यों ने छत्तीसगढ़ की इस योजना में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। स्वयं केन्द्र सरकार ने भी 50 हजार रूपए तक स्वास्थ्य बीमा की हमारी इस नई पहल की सराहना करते हुए इस योजना में छत्तीसगढ़ को मॉडल स्टेट माना है। राज्य शासन द्वारा इस बीमा योजना में प्रारंभ से अब तक 9 लाख 47 हजार मरीजों को 430 करोड़ रूपए की चिकित्सा सहायता दी
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ता सुधार को प्रोत्साहित करने के लिए कायाकल्प पुरस्कार योजना भी शुरू की गई है। स्वास्थ्य विभाग का बजट वर्ष 2001-02 की तुलना में आज 13 गुना बढ़ गया है। पिछले साल 2016-17 में 4016 करोड़ 19 लाख का बजट था, जिसमें चालू वर्ष 2017-18 में 9 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस वर्ष लगभग 4377 करोड़ का बजट है। राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में से सिर्फ 1.15 प्रतिशत व्यय स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए होता है, जबकि छत्तीसगढ़ में हम लोग राज्य बजट में से लगभग 5.75 प्रतिशत राशि जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए खर्च कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में प्रदेश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के लिए 3223 करोड़ 10 लाख रूपए, चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए 849 करोड़ रूपए, आयुष विभाग के लिए 282 करोड़ रूपए और खाद्य एवं औषधि नियंत्रण कार्यालय के लिए 22 करोड़ 42 लाख रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।
श्री चंद्राकर ने एक प्रश्र के उत्तर में बताया कि राजधानी रायपुर में पुराने डीके अस्पताल भवन को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में मार्च 2018 तक विकसित करने का लक्ष्य लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। जगदलपुर में भी पुलिस का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनवाया जा रहा है। सुदूर क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है। बीजापुर और सुकमा के जिला अस्पतालों में मरीजों के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। राजधानी रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल में राज्य शासन द्वारा स्थापित क्षेत्रीय कैंसर अनुसंधान केन्द्र की गिनती देश के सर्वश्रेष्ठ कैंसर अस्पतालों में होने लगी है।
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