बीते कई सालों से दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में सर्दी का मौसम देरी से आ रहा था, लेकिन इस साल यह ट्रेंड बदल सकता है। अक्टूबर महीने के शुरुआती 10 दिनों में हुई जोरदार बारिश ने सर्दी का माहौल बना दिया है। लगातार कई दिनों तक हुई बारिश के बाद अधिकतम तापमान दिल्ली में फिलहाल 28 डिग्री सेल्सियस तक ही है और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री तक जा रहा है। यही नहीं आने वाले सप्ताह में यह 18 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। ऐसे में इस साल सर्दियों की शुरुआत समय पर ही हो सकती है, जो बीते कई सालों से देरी से आ रही थी। फसल चक्र, क्लाइमेट चेंज और अन्य चिंताओं के लिहाज से यह अच्छी खबर है।
स्काईमेट वेदर के अनुसार दिल्ली में 26 अक्टूबर तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। सुबह और शाम हल्की ठंडक होगी। इसके अलावा दोपहर भी खुशनुमा होगी। 25 अक्टूबर को न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है। इसके अलावा महीने के अंत तक यह गिरकर 18 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। हालांकि राहत की बात यह है कि गुरुवार से मौसम साफ रहेगा और अक्टूबर महीने के अंत तक बारिश के दोबारा लौटने की उम्मीद नहीं है। बता दें कि अक्टूबर महीने में दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों में औसत से 500 से 700 फीसदी तक ज्यादा बारिश हुई है।
मैदानों पर जमकर बारिश तो बर्फ से लद गए पहाड़
मौसम विभाग का कहना है कि यह पोस्ट मॉनसून बारिश थी, जो थोड़ी ज्यादा ठहर गई। एक तरफ मैदानों पर अक्टूबर में भीषण बारिश हुई है तो वहीं हिमाचल, उत्तराखंड और कश्मीर की वादियों में जमकर बर्फबारी भी हुई है। धर्मशाला, मनाली, शिमला जैसे शहरों में पहाड़ बर्फ से लद गए हैं। पहाड़ों पर जल्दी ही सर्दी शुरू होने का असर अगले कुछ दिनों में मैदान पर भी देखने को मिल सकता है।
क्या मॉनसून की विदाई का ऐलान गलत था? चूक गया मौसम विभाग
इस बीच एक्सपर्ट्स का मानना है कि मॉनसून की विदाई का मौसम विभाग का ऐलान थोड़ा जल्दबाजी था। दरअसल उत्तर पश्चिम भारत में अक्टूबर के 10 दिनों में औसत से 405 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। दिल्ली में 625 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। इसके हरियाणा में 577 और उत्तराखंड में औसत से 538 फीसदी अधिक बारिश हुई है।
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