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कार्तिक पूर्णिमा पर ना करें ये कार्य ..

 
हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मना से की गई पूजा से भगवान विशु प्रसन्न होते हैं। कार्तिक मास में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह महीना उन्हें सर्वाधिक प्रिय है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन उनकी पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस दिन भक्त कार्तिक पूर्णिमा व्रत रखते हैं। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी या त्रिपुरारी पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देव दीपवाली पर्व भी धूम-धाम से मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा व्रत 8 नवम्बर 2022 (Kartik Purnima 2022 Date) के दिन रखा जाएगा। वहीं इस दिन चंद्र ग्रहण लगने के कारण देव दीपावली पर्व एक दिन पहले यानि 7 नवम्बर के दी मनाया जाएगा। शास्त्रों में बताया गया है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा-पाठ करने से और दान-धर्म करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। वहीं इस दिन के उपलक्ष में कुछ नियम बताए गए हैं जिनका पालन करने से भक्तों से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है। आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए। साथ ही इस दिन मांस, मदिरा, प्याज व लहसुन का सेवन वर्जित है।
  • इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, इसलिए इस दिन सूतक काल के नियमों का उल्लंघन ना करें।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य का अवश्य करें। साथ ही इस कोशिश करें कि आप नीचे जमीन पर नींद लें। ऐसा न करने से चंद्र देव नाराज हो सकते हैं।
  • इस दिन किसी भी प्रकार के वाद-विवाद का हिस्सा न बनें। साथ ही इस दिन किसी असहाय, बुजुर्ग या गरीब के लिए अपशब्दों का प्रयोग भूलकर भी ना करें।

कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये काम

  • इस विशेष अवसर पर दान-धर्म करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। इसलिए इस दिन किसी जरूरतमन्द को अन्न या धन का दान अवश्य करें। ऐसा करने से व्यक्ति पुण्य का भागीदार होता है।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव-दीपावली मनाई जाती है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के कारण इस पर्व को एक दिन पहले मनाया जाएगा। इसलिए इस दिन दीपदान अवश्य करें। ऐसा करने से कई समस्याओं का समाधान निकल आएगा।
  • इसके साथ कार्तिक पूर्णिमा व्रत के दिन संध्या पूजा के समय महालक्ष्मी स्तुति का पाठ जरूर करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति पर सदैव अपनी कृपा बनाई रखती हैं।