Wednesday , October 16 2024
Home / छत्तीसगढ़ / राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन ने कहा-सभी नक्सली नहीं होते बुरे..

राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन ने कहा-सभी नक्सली नहीं होते बुरे..

छत्तीसगढ़ के नक्सली अच्छे हैं या बुरे, इस मुद्दे को लेकर प्रदेश की राजनीति उलझ गई है। पिछले विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस नेता राज बब्बर ने नक्सलियों को भटके हुए साथी कहा था। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी नक्सलियों के लिए सहानुभूति के शब्द बोले थे। अब छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन ने कहा कि सभी नक्सली बुरे नहीं होते। इस बयान के बाद भाजपा आक्रामक हो गई है।

भाजपा ने कहा है कि राज्य सरकार और नक्सलियों के बीच साठगांठ है। आगामी चुनाव को देखते हुए कांग्रेस नेत्री ने यह बयान दिया है। गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में नक्सल प्रभावित बस्तर की 12 विधानसभा सीटों में से 11 पर कांग्रेस को जीत मिली थी। दंतेवाड़ा में उपचुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के पास वहां की सभी 12 सीटें हो गई हैं।

दिसंबर में भानुप्रतापपुर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव और एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए रंजीत के बयान को लेकर घमासान मचा हुआ है। भाजपा ने इंटरनेट मीडिया पर भी रंजीत के बयान को लेकर जमकर निशाना साधा। छत्तीसगढ़ भाजपा के आधिकारिक ट्वीटर से ट्वीट किया कि नक्सलवाद का समय-समय पर समर्थन करने वाले कांग्रेसियों का देश विरोधी चेहरा आखिर सामने आ ही जाता है। रंजीत रंजन नक्सलियों को सही-गलत बताकर नक्सलवाद का समर्थन क्यों कर रही हैं। देश की जनता के सामने कांग्रेस यह स्पष्ट करे और माफी मांगे।

वहीं, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि क्या आने वाले चुनाव में कांग्रेसी नक्सलियोंको नाराज नहीं करना चाहते। क्या नक्सलियों का कांग्रेस के साथ गठबंधन हो गया है। कौशिक ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में नक्सली उत्पात हो रहा है, सरकार नक्सल उन्मूलन के लिए कोई ठोस योजना नहीं बना रही है, ऐसे में संभव है कि कांग्रेस और नक्सलियों के बीच गठजोड़ हो गया है।

यह कहा था रंजीत ने

राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन ने कहा था कि नक्सली भी इंसान हैं, हम भी इंसान हैं, फिर डर कैसा। निश्चित तौर से डर, भय उनको होता है, जिन्होंने गलत काम किया है। बहुत से लोग उनके नाम से दुकानें चला रहे हैं। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद शांत हो चुका है। जो लोग यह फैला रहे हैं, वह नहीं चाहते कि शांति बहाल हो। हम लोग उनमें से हैं, जो चाहते हैं कि शांति बहाल हो।

नक्सल गतिविधियों में आई कमी

छत्तीसगढ़ में पिछले चार वर्षो में लगभग 15 सौ नक्सलियों ने आत्मसपर्मण किया। एंटी नक्सल आपरेशन सेल से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022 में 191 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं। पुलिस और नक्सलियों के बीच 46 मुठभेड़ हुई, जिसमें 20 नक्सली मारे गए। यही नहीं, इस वर्ष 288 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

नक्सल प्रभावित बस्तर का चुनावी समीकरण

नक्सल प्रभावित बस्तर में 12 विधानसभा और दो लोकसभा सीट हैं। वर्तमान में सभी 12 विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक हैं। वहीं बस्तर लोकसभा में कांग्रेस सांसद दीपक बैज हैं और कांकेर लोकसभा से भाजपा सांसद मोहन मंडावी हैं। कांकेर लोकसभा सीट में बस्तर संभाग की चार विधानसभा सीट आती है। बस्तर के सभी नगर निगमों में महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष कांग्रेस के हैं।