नई दिल्ली/ब्यूनस आयरस 13 दिसम्बर।अमरीका के सार्वजनिक खाद्य भंडारण मुद्दे का कोई स्थायी समाधान निकालने की बातचीत से इन्कार करने के साथ ही विश्व व्यापार संगठन की 11वीं मंत्रिस्तरीय बैठक विफल होने के संकेत हैं।
भारत इस मुद्दे का स्थायी समाधान जरूरी मानता है। उसका कहना है कि ऐसा न हो पाने से विश्व व्यापार संगठन की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में भारतीय शिष्टमंडल और विश्व के 33 देशों का समूह स्थायी समाधान पर बल दे रहे हैं, क्योंकि यह दुनिया के 80 करोड़ लोगों की आजीविका के लिए जरूरी है। रविवार से शुरू हुई बैठक आज समाप्त हो रही है। वैश्विक व्यापार नियमों के तहत संगठन के सदस्य देश की खाद्य सब्सिडी 1986 से 1988 के मूल्य पर आधारित उत्पादन मूल्य की 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
भारत खाद्य सब्सिडी सीमा के आकलन के फार्मूले में संशोधन की मांग करता रहा है।उसका कहना है कि खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पूरी तरह लागू किये जाने से विश्व-व्यापर संगठन की निर्धारित सीमा का उल्लंघन होगा। भारत ने बैठक में अब तक प्रगति पर गहरी निराशा व्यक्त की है।